Nepal: चीनी नागरिक नेपाल में गंभीर अपराधों को दे रहे अंजाम, इस वजह से सबसे ज्यादा पकड़े जा रहे भारतीय
crime in nepal: पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि हाल के वर्षों में नेपाल में अपराध करने वाले चीनी नागरिकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
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नेपाल में इन दिनों चीनी नागरिक यांग लिम्पिंग का मुद्दा छाया हुआ है। बीते महीने 25 फरवरी को सीबीआई ने ललितपुर पुलिस की मदद से 49 वर्षीय चीनी नागरिक यांग लिमपिंग को बंगमती से गिरफ्तार किया। यांग चीन के फुजियान प्रांत में स्थित शियमेन का निवासी है। उसे 13, 14 और 17 साल की तीन लड़कियों को बंधक बना कर रखने और उनका यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है इसके साथ ही पुलिस ने चार अन्य नाबालिगों को भी छुड़ाया है जिन्हें यांग ने थमेल स्थित एक होटल में रखा था।
यांग ललितपुर के बंगामती में किराये पर एक मकान लेकर रहता था। इसी दौरान वह लड़कियों का अपहरण कर उन्हें बंधक बना लेता था। इन्हीं बंधकों की एक मां ने झापा के उरलबाड़ी के एरिया पुलिस स्टेशन में अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस ने चीनी नागरिक को पकड़ने में सफलता हासिल की। नाबालिग के साथ बलात्कार करने के आरोप में ललितपुर जिला अदालत में यांग के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। चीनी नागरिकों से जुड़े अपराधों की श्रृंखला में यांग का यह नवीनतम मामला है।
चीनी नागरिकों के अपराध बढ़े
कुछ महीने पहले, 22 दिसंबर को, नेपाल पुलिस के एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग ब्यूरो ने दो चीनी एजेंटों को गिरफ्तार किया था। उनमें 30 वर्षीय चेन यांग चीन के सिचुआन प्रांत और 33 वर्षीय रुआन चाओहोंग फुजियान प्रांत का निवासी है। इन दोनों को त्रिभुवन हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया। ये दोनों तीन नेपाली महिलाओं को लाओस स्थित एक कॉल सेंटर में काम करने के लिए चोरी-छिपे ले जा रहे थे। वो तीनों चीनी नागरिक तस्करी के आरोप में अभी सुंधारा स्थित सेंट्रल जेल में बंद हैं।
92 विदेशी नागरिक गिरफ्तार
अखबार काठमांडू पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक नेपाल में हर साल दर्जनों विदेशी नागरिक अपराध करने के जुर्म में पकड़े जा रहे हैं। नेपाल पुलिस मुख्यालय के अनुसार अकेले इस वित्त वर्ष में कम से कम 20 देशों के 92 विदेशी नागरिकों को विभिन्न आपराधिक गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इनमें सबसे अधिक 27 भारतीय हैं। वहीं चीन के 22 नागरिक गिरफ्तार किए गए हैं। काठमांडू पोस्ट से बातचीत में पुलिस ने कहा कि अपराध में शामिल हुए भारतीयों की असल संख्या चीनियों से काफी अधिक हो सकती है क्योंकि कई भारतीय भाषाई और सांस्कृतिक समानता का लाभ उठाने के कारण गिरफ्तारी से बच जाते हैं।
भारतीय लोगों की संख्या अधिक
नेपाल पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता दीपेंद्र के मुताबिक, नेपाल में भारत के बाद सबसे अधिक विदेशी नागरिकों में चीनी पकड़े जा रहे हैं। पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक भले ही भारतीयों की संख्या चीनियों की तुलना में अधिक है लेकिन चीनी अपराधी, भारतीय अपराधियों की तुलना में हत्या और संगठित अपराधों जैसे अधिक गंभीर अपराधों में अधिक शामिल हैं। इस वर्ष पुलिस ने दो चीनी नागरिकों के खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज किया है, जबकि अन्य विदेशी नागरिकों के खिलाफ ऐसा कोई मामला नहीं है।
गंभीर अपराध में चीनियों की संलिप्तता
इस वित्तीय वर्ष के पुलिस डेटा के मुताबिक नेपाल में जिन 27 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें 13 के खिलाफ सीमा शुल्क चोरी और 5 के खिलाफ जाली नोट का कारोबार चलाने का आरोप है। भारतीय नागरिकों से जुड़े अन्य अपराधों में मादक पदार्थों की तस्करी, लूटपाट, अपहरण, धोखाधड़ी आदि शामिल हैं। वहीं, 22 चीनी नागरिकों में से 2 के खिलाफ हत्या, 8 के खिलाफ मादक पदार्थों की तस्करी, 5 के खिलाफ संगठित अपराध में शामिल होने, 1 के खिलाफ बलात्कार, 1 के खिलाफ बंधक बनाने और 3 के खिलाफ दुर्व्यवहार के अभियोग लगे हैं। बाकी 2 चीनियों पर वीजा से अधिक समय तक नेपाल में रहने का आरोप लगा है। इस लिस्ट में थाई निवासियों की संख्या तीसरे नंबर पर है।
इस वजह से सबसे ज्यादा पकड़े जा रहे भारतीय
पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में पुलिस ने 41 देशों के कुल 108 विदेशियों को गिरफ्तार किया था। इनमें सबसे बड़ी संख्या में 31 भारतीय थे, इसके बाद 16 चीनी और 13 बांग्लादेशी थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक भारतीय अपराधी सीमा शुल्क चोरी जैसे आम अपराधों में अधिक शामिल रहते हैं इसलिए उनका आंकड़ा अधिक है। जबकि बाकी देशों के अपराधी ड्रग्स तस्करी, सोने की तस्करी, जालसाजी, यौन शोषण, पीडोफिलिया और मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराधों में अधिक संलिप्त हैं।