भारत के साथ डबल गेम, लगातार दूसरे बड़े अमेरिकी अधिकारी का Pok दौरा, भड़का भारत
पीओके का दौरा करने के बाद डोनाल्ड ब्लेम ने ट्विटर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की और इसे आजाद कश्मीर कह कर संबोधित किया। इसे लेकर भारत ने अमेरिका के समक्ष नाराजगी जताई है।
पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम(Donald Blom) ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) का दौरा किया था। डोनाल्ड ब्लोम अप्रैल के बाद से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का दौरा करने वाले दूसरे अमेरिकी अधिकारी हैं। पीओके का दौरा करने के बाद डोनाल्ड ब्लेम ने ट्विटर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की और इसे आजाद कश्मीर कह कर संबोधित किया। इसे लेकर भारत ने अमेरिका के समक्ष नाराजगी जताई है।
भारत ने राजदूत के दौरे को लेकर जताई आपत्ति
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में शुक्रवार को कहा, 'पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने हाल ही में पाक अधिकृत कश्मीर का दौरा किया है और वह वहां कई मीटिंग में भी शामिल हुए हैं। हमें इस पर आपत्ति है। भारत कश्मीर के इस हिस्से को अपना मानता है।' अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने इसे लेकर अमेरिका के समक्ष अपनी आपत्ति जता दी है।
2022 में अमेरिकी राजनयिक का PoK में दूसरा दौरा
गौरतलब है कि इस साल किसी अमेरिकी राजनयिक का PoK में यह दूसरा दौरा है। अप्रैल में अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने पाक अधिकृत कश्मीर का दौरा किया था। अमेरिकी प्रतिनिधि इल्हान उमर की पीओके यात्रा को विदेश मंत्रालय ने संकीर्ण मानसिकता वाली राजनीति करार दिया था। उमर ने अपनी यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के मुद्दे के साथ-साथ अनुच्छेद 370 की समाप्ति को लेकर भी बयान दिया था।
पिछले दौरे से अलग ये दौरा
हालांकि डोनाल्ड ब्लोम का पीओके दौरा इल्हन उमर के दौरे से अलग था। अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम की इस यात्रा का उद्देश्य पाकिस्तानी विरासत और सांस्कृतिक स्थलों को बहाल करना था। साथ ही 2005 के भूकंप के पीड़ितों के लिए अमेरिकी सहायता को उजागर करना था। इसके अलावा हाल ही में पाकिस्तान में आई बाढ़ को देखते हुए भी उन्होंने पीओके की यात्रा की है।
PoK को अपना मानता है भारत
बतादें कि 1994 में भारत ने एक प्रस्ताव दिया था। इसमें कहा था कि PoK भारत का हिस्सा है। पाकिस्तान को इसे अपना अवैध कब्जा हटाना चाहिए। कुछ माह पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'PoK भारत का हिस्सा है और हमेशा रहेगा।' वहीं, विश्लेषकों का ऐसा मानना है कि अमेरिकी राजदूत का 'आजाद कश्मीर' वाला बयान चीन को भी एक जवाब हो सकता है। चीन ने पिछले हफ्ते कहा था कि चीन-पाकिस्तान सहयोग के खिलाफ आलोचना करने के बजाय अमेरिका को पाकिस्तान के लोगों के लिए कुछ फायदेमंद काम करना चाहिए।