Coronavirus: इटली के प्रधानमंत्री बोले- World War II के बाद देश पर सबसे बड़ा संकट
रोम। यूरोप का देश इटली द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। शनिवार को यहां पर कोरोना वायरस की वजह से 24 घंटे में 793 लोगों मौत हो गई है। इटली ने सभी गैर-जरूरी फैक्ट्रियों को बंद कर दिया है। यहां पर अब कोरोना वायरस की वजह से मृतकों का आंकड़ा 4,825 पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री ग्यूसपे कोंटे ने कहा है कि देश द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़े संकट के दौर में हैं। उन्होंने तीन अप्रैल तक सभी गैर-जरूरी व्यवसायों को बंद करने का आदेश दे दिया है।
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देश में सभी फैक्ट्रियां हुईं बंद
पीएम कोंटे ने कहा, 'सरकार की तरफ से फैसला लिया गया है कि उत्पादन से जुड़ी उन सभी गतिविधियों को बंद कर दिया जाए जो जरूरी नहीं हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि रोजमर्रा की चीजों और सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कोंटे ने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि राशन और दवाईयों की दुकानें खुली रहेंगी। कोंटे ने हालांकि यह नहीं बताया कि किस तरह की फैक्ट्रियों को बंद किया जा रहा है। रूस की सेना की तरफ से ने रविवार से इटली को चिकित्सीय सहायता भेजी जा रही है। रूस के रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस बात की आधिकारिक पुष्टि की गई है।
60 लाख की आबादी और करीब 5000 लोगों की मौत
इटली की अथॉरिटीज अब जागी हैं और अब इस देश में लॉकडाउन के सबसे कड़े नियम लागू कर दिए गए हैं। अब बहुत देर हो चुकी है और 60 लाख की आबादी वाले इटली में मौत का आंकड़ा करीब 5000 पहुंचने वाला है।इटली में इस समय 53,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और करीब 4800 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इटली से निकला वायरस पूरे यूरोप को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। फ्रांस और स्पेन भी बुरी तरह प्रभावित हैं। यहां पर मौतों का सिलसिला थम ही नहीं रहा है और शनिवार को 793 मौतें महामारी का सर्वोच्च आंकड़ा बन गईं। इटली में अथॉरिटीज पहला केस सामने आने के बाद से ही लापरवाह बनी रहीं। यहां पर सबसे पहले 31 जनवरी को मिलान में कोरोना का केस मिला था।