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Woolly Mammoths: धरती पर करवाई जाएगी विलुप्त हो चुके इस दैत्याकार जीव की वापसी, CIA का प्रोजेक्ट कितना खतरनाक?

विलुप्त जानवरों को पुनर्जीवित करने के लिए आनुवंशिक इंजीनियरिंग उपकरणों का उपयोग करने के बारे में हर कोई इतना आशावादी नहीं है। आलोचकों ने इस प्रोजेक्ट को लेकर कई चेतावनी दी है।

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Woolly mammoths: धरती पर किस जीव को कितने समय तक रहना है और किस जीव को कब धरती से विलुप्त हो जाना है, इसका जिम्मा प्रकृति ने अपने पास रखा हुआ है। अगर डायनासोर अभी भी जिंदा होते, तो शायद धरती पर इंसानों की उत्पत्ति नहीं हो पाती। लेकिन, अब इंसानों ने प्रकृति के कामों में दखलअंदाजी शुरू कर दी है औ अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने विलुप्त हो चुके जानवरों को पुनर्जीवित करने के रिसर्च में पैसा लगाना शुरू किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सीआईए ने उस रिसर्च प्रोजेक्ट को फाइनेंस किया है, जो धरती से विलुप्त हो चुके दैत्याकार हाथी की एक प्रजाति ऊनी मैमथ और बाघ की प्रजाति थायलासीन को फिर से धरती पर लाने की कोशिश कर रही है।

विलुप्त प्रजाति की होगी घर वापसी?

विलुप्त प्रजाति की होगी घर वापसी?

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीआईए ने वेंचर कैपिटल इन्वेस्टमेंट फर्म, जिसका नाम इन-क्यू-टेल है, उसके जरिए रिसर्च कंपनी को पैसे पहुंचाने का कार्यक्रम शुरू किया है। इन-क्यू-टेल कंपनी को पहले से ही सीआईए अपने अलग अलग प्रोजेक्ट्स के लिए फंड करता रहा है और इस बार अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने टेक्सास स्थित टेक कंपनी 'कोलोसल बायोसाइंसेज' को पैसा देने का वादा किया है। कोलोसल की वेबसाइट ने इसकी पुष्टि भी की है और वेबसाइट के मुताबिक, कंपनी का लक्ष्य आनुवंशिक इंजीनियरिंग के उपयोग के माध्यम से "टुंड्रा पर विशाल गड़गड़ाहट के साथ वुली मैमथ को फिर से दौड़ते हुए देखना है", यानि ये कंपनी जेनेटिक इंजीनियरिंग के जरिए, जिसके जरिए डीएनए को बदला जाता है, उससे वुली मैमथ को वापस लाने की कोशिश की जा रही है। अमेरिकी बायोलॉजिकल कंपनी कोलोसल ने विलुप्त हो चुके थायलासीन, जो तस्मानियाई बाघ की एक प्रजाति है, उसे भी पुनर्जीवित करने में भी रुचि दिखाई है। ये बाघ 1930 के दशक में विलुप्त हो गया था। वहीं, डोडो पक्षी पर भी रिसर्च करने की बात कही गई है।

सीआईए ऐसा क्यों कर रहा है?

सीआईए ऐसा क्यों कर रहा है?

इन-क्यू-टेल के ब्लॉग के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए वुली मैमथ या लुप्त बाघ को पुनर्जीवित करने में कोई दिलचस्पी नहीं रखता है, असल में सीआईए के दिलचस्पी जेनेटिक इंजीनियरिंग को लेकर है, जिसे कोलोसल विकसित करना चाहता है। इन-क्यू-टेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने लिखा है कि, "रणनीतिक रूप से, यह मैमथ के बारे में कम और टेक्नोलॉजी की क्षमता के बारे में ज्यादा है।" किसी प्रजाति या जीव के विलुप्त होने की घटना किसी साइंस फिक्शन कहानी की तरह लग सकती है और वुली मैमथ के गुप्त होने की कहानी भी विज्ञान कथा की ही तरह है।

कब विलुप्त हो गया था वुली मैमथ?

कब विलुप्त हो गया था वुली मैमथ?

वैज्ञानिकों के मुताबिक, आज से करीब 10 हजार साल पहले वुली मैमथ धरती से विलुप्त हो गया था और अब उसे वापस लाने का कोई तरीका नहीं है। हालांकि, डीएनए एडिटिंग टूल का उपयोग करके, वैज्ञानिक आधुनिक हाथियों के डीएनए अनुक्रमों में ठंड प्रतिरोधी विशेषताओं को सम्मिलित कर सकते हैं, जिससे वे आनुवंशिक रूप से वुली मैमथ के समान हो जाते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, डीएनए एडिटिंग के बाद जिस जीव का निर्माण होगा, वो ऑरिजनल वुली मेमथ की तरह नहीं होगा, बल्कि वो इसके बजाय, यह एक छद्म जानवर होगा, जो एक हाथी की तरह होगा और जिसमें विशालकाय क्षमताएं मौजूद होंगी। वुली मैमथ का कॉपी तैयार करने के लिए जिस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाएगा, उसे जीन एडिटिंग टेक्नोलॉजी को CRISPR कहा जाता है। साधारण भाषा में समझें तो, ये प्रक्रिया एक तरह से आनुवंशिक "कैंची" है, जिसका उपयोग वैज्ञानिक किसी जीव के डीएनए में विशिष्ट जीन अनुक्रमों को काटने, चिपकाने और बदलने के लिए करते हैं। (CRISPR के पीछे कई शोधकर्ताओं ने रसायन विज्ञान में 2020 का नोबेल पुरस्कार जीता है)।

अमेरिका का मकसद क्या है?

अमेरिका का मकसद क्या है?

इन-क्यू-टेल ब्लॉग पोस्ट के अनुसार, इस परियोजना में निवेश करने से अमेरिकी सरकार को जेनेटिक इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के लिए मोरल बैकग्राउंड तैयार करने और मानक निर्धारित करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही अमेरिका के छात्रों मे आनुवंशिक कोड को पढ़ने, लिखने और बदलने में भी रुचि जग सकती है।

क्या ये धरती के लिए होगा खतरनाक?

क्या ये धरती के लिए होगा खतरनाक?

विलुप्त जानवरों को पुनर्जीवित करने के लिए आनुवंशिक इंजीनियरिंग उपकरणों का उपयोग करने के बारे में हर कोई इतना आशावादी नहीं है। आलोचकों ने चेतावनी दी है, कि भले ही कोई कंपनी एक स्वस्थ प्रॉक्सी मैमथ को इंजीनियर करके बनाने में सक्षम हो, लेकिन मैमथ का प्राकृतिक आवास अब मौजूद नहीं है। और, भले ही ऐसा हो, आनुवंशिक कोड एक जानवर को एक अपरिचित पारिस्थितिकी तंत्र में पनपने का तरीका नहीं सिखा सकता है। कुछ वैज्ञानिक यह तर्क भी देते हैं, कि विलुप्त होने वाली परियोजनाओं पर खर्च किया गया पैसा जीवित जानवरों के संरक्षण पर लागू किया जाए, ताकि उन्हें जिंदा रखा जा सके। वहीं, कई वैज्ञानिक इस बात की भी चेतावनी देते हैं, कि प्रकृति से छेड़छाड़ करना इंसानों को बहुत भारी पड़ सकता है।

धरती पर कब बसते थे लुली मैमथ?

धरती पर कब बसते थे लुली मैमथ?

आपको बता दें कि, विशालकाय वुली मैमथ के कई अवशेष अभी तक मिल चुके हैं और एफी नाम का एक आंशिक विशाल बछड़ा 1948 में अलास्का के इंटीरियर में एक सोने की खदान में पाया गया था। 2007 में साइबेरिया में एक 42,000 साल पुराना ममीकृत शिशु वुली मैमथ, जिसे ल्यूबा के नाम से जाना जाता है, उसकी भी खोज की गई थी। युकोन सरकार के अनुसार, ल्यूबा और नन चो गा लगभग एक ही आकार के हैं। वहीं, वैज्ञानिकों ने इस बात को नोट किया है, कि युकोन के पास "हिम युग के जानवरों का एक विश्व प्रसिद्ध जीवाश्म रिकॉर्ड है, लेकिन त्वचा और बालों के साथ ममीकृत अवशेष शायद ही कभी पाए जाते हैं।" वैज्ञानिकों का कहना है कि, हिमयुग के समय धरती पर इनका राज होता था।

मैमथ हाथी पर चल रही है रिसर्च

मैमथ हाथी पर चल रही है रिसर्च

आपको बता दें कि, लुप्त जानवरों के जो अवशेष मिलते हैं, उनके जीन की एडिटिंग करके वैज्ञानिकों ने उन जानवरों के जैसा नया जानवर बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कई साल पहले शुरू कर दिया है। और करीब दो साल पहले प्रसिद्ध कारोबारी बेन लैम ने हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के आनुवांशिक वैज्ञानिक जॉर्ज इस प्रोजेक्ट पर काम कर चुके हैं। लेकिन, इस तरह के प्रोजेक्ट में पैसे लगाने के लिए लोग नहीं मिल रहे थे। ये प्रोजेक्ट काफी ज्यादा महंगा है, लिहाजा इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना अभी तक मुमकिन नहीं हो रहा था। पिछले साल वैज्ञानिक चर्च ने सीएनबीसी को बताया था कि, "पिछले 15 सालों में हमारे पास करीब एक लाख डॉलर थे, जो कि मेरी प्रयोगशाला में किसी भी अन्य प्रोजेक्ट से कम है। लेकिन ये प्रोजेक्ट मेरा सबसे पसंदीदा है। लेकिन पैसों की कमी की वजह से काम नहीं हो पा रहा था। लेकिन अब पैसों का इंतजाम हो चुका है।'' वहीं, अब इस बेबी मैमथ का मिलना विज्ञान की दिशा में बहुत बड़ी उपलब्धि है। लेकिन, सीआईए की एंट्री के बाद इस तरह के प्रोजेक्ट के पास पैसों की कोई कमी नहीं होगी।

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English summary
The CIA will make a financial investment to revive the extinct Woolly Mammoth.
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