रूस की वजह से ट्रंप बने राष्ट्रपति, ओबामा ने दिए जांच के आदेश
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा उन्हें मालूम है कि किन-किन लोगों ने रूस की सरकार के साथ चुनावों के समय कॉन्टैक्ट किया।
वाशिंगटन। अमेरिकी चुनाव शुरू होने से पहले जितनी चर्चा में थे, खत्म होने के बाद उससे भी कहीं ज्यादा इनकी चर्चा खत्म होने जाने के बाद हो रही है। एक नया विवाद इन चुनावों के बाद सामने आया है। अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए का दावा है कि रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप की जीत में रूस का हाथ है। सीआईए के दावे के बाद अब राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी रिव्यू के आदेश जारी कर दिए हैं।
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रूस की वजह से व्हाइट हाउस में ट्रंप
सीआईए ने कहा है कि ट्रंप की मदद करने के लिए रूस ने चुनावों में हस्तक्षेप किया था। सीआईए का कहना है कि रूस की मदद से न सिर्फ ट्रंप व्हाइट हाउस पहुंचे बल्कि इलेक्टोरल सिस्टम में भी भरोसा बना रहा।
अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से वाशिंगटन पोस्ट ने यह जानकारी दी है। वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि इंटेलीजेंस एजेंसी ने उन लोगों की पहचान कर ली है जिन्होंने रूस की सरकार के साथ चुनावों के समय संपर्क में थे।
इन लोगों ने रूस की सरकार को हजारों हैक्ड ई-मेल मुहैया कराए थे। यह सभी ई-मेल डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी और दूसरे लोगों से जुड़े थे जिनमें हिलेरी क्लिंटन भी शामिल थी। ई-मेल को विकीलीक्स को मुहैया कराया गया।
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राष्ट्रपति ओबामा कराएंगे जांच
वहीं राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस नई जानकारी के बाद जांच के आदेश दे दिए हैं। ओबामा ने यह कदम तब उठाया जब डेमोक्रेटिक कांग्रेस की ओर से उन डिटेल्स को सार्वजनिक करने के लिए कहा गया जो हैकिंग से जुड़ी हैं।
चुनावों के पहले अक्सर इस बारे में खबरें आती थीं कि डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के ई-मेल वीकीलीक्स के जरिए लीक हो गए हैं।
अमेरिकी सरकार की ओर से अक्टूबर माह में सार्वजनिक तौर पर रूस की सरकार पर चुनावों के समय साइबर अटैक के हमले की साजिश का आरोप लगाया था।
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी एक बार कहा था कि रूस इन चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है और उन्होंने रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन पर भी कई संगीन आरोप लगाए थे।
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ट्रंप को राष्ट्रपति बनाना चाहता था रूस
अमेरिकी सरकार की ओर से इस बात की चिंता भी जताई गई थी कि रूस वोटर रजिस्ट्रेशन सिस्टम पर साइबर हमले की कोशिश कर सकता है।
हालांकि इंटेलीजेंस एजेंसियों ने कभी नहीं कहा कि उनके पास इससे जुड़े ठोस सुबूत हैं। वाशिंगटन पोस्ट ने अधिकारियों के हवाले से जानकारी दी है कि एक प्रजेंनटेशन के जरिए मुख्य अमेरिकी सीनेटर्स को पिछले हफ्ते बंद कमरे में यह प्रजेंटेशन दिखाई है।
सीआईए के मुताबिक यह एक गुप्त मूल्यांकन था और कई सूत्रों की ओर से उन्हें कई सुबूत मिले थे। सीआईए ने सीनेटर्स को कहा कि अब यह कुछ हद तक साफ है कि ट्रंप को राष्ट्रपति बनाना रूस का एक लक्ष्य था।