सीपेक में भ्रष्टाचार के आरोप से भड़का चीन, पत्रकारों से ट्विटर पर की बहस
चाइन-पाक इकॉनमिक कॉरिडोर के निर्माण के दौरान पर बहुत से आरोप लगे हैं। हाल ही में ट्विटर पर चीनी राजदूत भड़क गए।
नई दिल्ली। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद स्थित चीनी दूतावास की कुछ पत्रकारों से चाइना पाक इकॉनमिक कॉरिडोर (सी-पेक) पर बहस हो गई।
गौरतलब है कि बीते कई दिनों से सी-पेक के मुद्दे पर चीन, बहुत दिनों से आलोचना को चुपचाप सुन रहा था, लेकिन मंगलवार को चीनी दूतावास भड़क गया।
ऐसा लग रहा है कि पाक में चीन राजदूत झाओ लिजन भी सी-पेक के भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे होने के आरोपों के बारे में सुनकर परेशान हो गए हैं।
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यह है सी-पेक
बता दें कि सी-पेक एक आर्थिक कॉरिडोर है जिसका उद्देश्य है कि चीन के कश्गर से पाक के ग्वादर पोर्ट तक आसानी से व्यापार किया जा सके। जिसके तहत हाइवे, रेलवे और पाइप लाइन्स का निर्माण हो रहा है।
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पाक के अंग्रेजी अखबार के मुताबिक झाओ ने एक सेमिनार के दौरान सी-पेक प्रोजेक्ट का बचा किया था। सेमिनार में झाओ ने कहा था कि सी-पेक अच्छा काम कर हा है, कुछ लोग है जो प्रोजेक्ट पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन इस प्रोजेक्ट को पाकिस्तान के बहुत लोगों का समर्थन प्राप्त है।
इसके बाद राजदूत ने ट्विटर पर ट्वीट किया कि ' वो लोग जो सी-पेक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं , उनके लिए एक चीनी कहावत है कि उस सज्जन के हृदय का नाप उसके साथ लिया जाए, जिसके साथ अपने मतलब का कोई उपाय हो'।
पत्रकार ने दिया जवाब
इस पर तुरंत डॉन के पत्रकार सिरिल अलमेड़ा ने ट्वीट किया कि फिर तो चीन में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग की कोई जरूरत नहीं है।
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इसके तुरंत बाद झाओ ने लिखा निंदा करने की कोई जरूरत नहीं है, आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि चीन ने 1.01 मिलियन अधिकारियों को 2013 से लेकर अब तक सजा दे चुका है। सीपेक प्रोजेक्ट एकदम साफ सुथरा है। वो भी इस जंग का हिस्सा हैं।
इसक बाद सिरिल ने लिखा फिर तो आसान है। चीनी, हां! लेकिन आप अब भी पाकिस्तान में डिप्लोमैट हैं।
उनके लिए सिर्फ एक ही शब्द है...
इस पर झाओ ने लिखा कि यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है कि वरिष्ठ पत्रकार सीपेक में प्रोजेक्ट में कैदियों की कहानी में विश्वास रखते हैं। क्या उनके पास दिमाग नहीं हैं?
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इसके तुरंत बाद सिरिल ने लिखा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूण है कि यहां कुछ और भी दिमाग से बाह लोग है? लेकिन निश्चित यह कोई उचित (राजनयिक) जवाब नहीं है।
इस पर झाओ ने लिखा कि वो लोग जब सीपेक के बारे में यह अफवाह फैलाते हैं कि सीपेक में चीनी कर्मचारी कैदी हैं, क्या वो लोग राजनयिक हैं? उनके लिए सिर्फ एक ही शब्द है नॉन्सेंस।