कोरोना की दूसरी लहर के बीच भारत की मदद के लिए आगे आया चीन, पत्र लिखकर कही ये बात
बीजिंग, अप्रैल 30: देश में एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तांडव मचा रखा है। देश के हर हिस्से से संक्रमितों की संख्या में बड़ा इजाफा हो रहा है। बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हो रहे हैं। स्थिति यह है कि अस्पतालों में बेड से लेकर दवा और ऑक्सीजन की भारी किल्लत मची हुई है। भारत के भयावह हालातों को देखते हुए दूसरे देश मदद के लिए आगे आए हैं, जिनमें रूस और अमेरिका ने अपनी ओर से मदद भी भेजी है। कोरोना के बेकाबू होते हालातों के बीच चीन ने एक बारि फिर मदद की पेशकश की है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और भारत के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मजबूती से साथ देने की इच्छा जाहिर की। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति शी ने भारत में फैली कोरोना महामारी को लेकर चिंता जताई है, साथ ही कहा कि चीन भारत की मदद के लिए तैयार है। गुरुवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कोरोना के आए उछाल के बाद भारत की लड़ाई का समर्थन करने का वादा किया, साथ ही उन्होंने कहा कि चीन में उत्पादित उत्पादित एंटी-महामारी सामग्री तेजी से भारत में पहुंचाई जा रही हैं ताकि भारत की मदद की जा सके।
विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे अपने पत्र में वांग ने कहा कि चीनी भारत के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए सहानुभूति रखता है और ईमानदारी से सहानुभूति व्यक्त करता है। उन्होंने पत्र में लिखा कि कोरोनो वायरस मानव जाति का दुश्मन है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को ठोस प्रतिक्रिया के लिए एकजुटता और समन्वय की आवश्यकता है। चीनी ने भारत सरकार और महामारी से लड़ने में लोगों का मजबूती से समर्थन किया है।
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इधर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि चीन ने इस महीने भारत को 26,000 वेंटिलेटर और ऑक्सीजन जनरेटर का निर्यात किया है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि अप्रैल के बाद से चीन ने 26,000 से अधिक वेंटिलेटर और ऑक्सीजन जनरेटर, 15,000 से अधिक मेडिकल मॉनिटर और लगभग 3,800 टन चिकित्सा सामग्री और दवाओं का निर्यात भारत को किया है।