चीन में कोरोना वायरस से एक महीने में 60 हजार लोग मरे, शी जिनपिंग सरकार ने जारी किया आंकड़ा
चीन लगातार शून्य कोविड पॉलिसी को लेकर चल रहा था, लेकिन नवंबर महीने में चीन ने तमाम कोविड गाइडलाइंस अचानक खत्म कर दिए, जिससे देश में कोविड के आंकड़ों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
China Covid Death: चीन की सरकार ने पहली बार माना है, कि देश में पिछले एक महीने में कोरोना वायरस की वजह से हजारों लोगों की मौत हुई है। चीन की शी जिनपिंग की सरकार ने एक महीने में कोरोना वायरस की वजह से हुई मौतों को लेकर आंकड़ा जारी किया है, जिसमें कहा गया है, कि पिछले एक महीने में चीन में करीब 60 हजार लोगों की मौत हुई है। चीन ने ये आंकड़ा उस वक्त जारी किया है, जब डब्ल्यूएच ने आरोप लगाया था, कि चीन कोविड संक्रमण को लेकर दुनिया से जानकारी छिपा रहा है।
चीन में कोरोना से 60 हजार मौतें
चीन के सरकारी अधिकारियों के मुताबक, चीन में 8 दिसंबर से 12 जनवरी के बीच 59,938 लोगों की मौत कोरोना वायरस संक्रमण से हो गई। हालांकि, चीनी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना था, कि मरने वालों में ज्यादातर लोगों की औसत उम्र 80 साल के आसपास थी, उनमें भी ज्यादातर लोग ऐसे थे, जो अलग अलग बीमारियों से पीड़ित थे। हालांकि, चीन ने ये भी माना है, कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने के बाद जब वो कोरोना संक्रमित हुए, तो वायरस ने उस बीमारी को और गंभीर बना दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। चीन ने कहा है, कि कोविड संक्रमण के दौरान सांस लेने में हुई परेशानी की वजह से 5 हजार 503 लोगों की मौत हुई, जबकि वायरस की वजह से पड़े दूसरे प्रभावों की वजह से 54,435 जानें गईं।
अभी भी सच छिपा रहा चीन?
चीन ने हालांकि, पिछले एक महीने में करीब 60 हजार लोगों की मौत की बात स्वीकर की है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है, कि चीन अभी भी झूठ बोल रहा है और मौत की संख्या 60 हजार के आंकड़े से काफी ज्यादा है। पिछले महीने, बीजिंग ने कोविड मौतों को क्लासीफाइड करने के तरीके को बदल दिया था, और केवल उन लोगों की मौत को ही कोविड-19 से हुई मौतों की गिनती में रखा, जिनकी मौत सिर्फ सांस लेने की दिक्कत की वजह से हुई। चीन सरकार के इस कदम की पूरी दुनिया में आलोचना की गई। डब्ल्यूएच ने चीन की मौतों की नई काउंटिग की आलोचना करते हुए इसे "बहुत संकीर्ण" बताया।
चीन का क्या होता था दावा
चीन ने हमेशा दावा किया है, कि कोविड को लेकर उसके आंकड़े सटीक हैं। जबकि, डब्ल्यूएचओ ने लगातार चीन के दावों पर सवाल उठाए। अधिकारियों ने कहा कि, गंभीर कोविड के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या जनवरी की शुरुआत में चरम पर थी, हालांकि बाद में भी कोविड की वजह से भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा ही देखा गया है। उन्होंने कहा कि, वे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति की निगरानी करना जारी रखेंगे, शुरुआती पहचान पर ध्यान केंद्रित करेंगे और सबसे कमजोर लोगों के उपचार को प्राथमिकता देंगे। आपको बता दें, कि चीन में कोरोना वायरस ने भीषण कहर बरपाया है और अभी भी लाखों लोग हर दिन संक्रमित हो रहे हैं।
चीन में कोविड बेकाबू कैसे हुआ?
चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ पिछले साल नवंबर में जोरदार विरोध-प्रदर्शन शुरू हुआ था। उसके बाद पिछले महीने की शुरुआत में चीनी सरकार ने अचानक सभी कोविड पाबंदियां खत्म कर दीं। पिछले रविवार को इसने अपनी सीमाएं भी पूरी तरह से खोल दिया। लेकिन, अचानक पाबंदियों में ढील देने के बाद चीन में दुनिया में अबतक का सबसे बड़ा कोरोना विस्फोट शुरू हो गया। चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक देश की 1 अरब 40 करोड़ की आबादी में से लगभग एक-तिहाई आबादी वाले इलाके से संक्रमण का चरम गुजर चुका है।
'कश्मीर को भूल जाने में ही है भलाई', जानिए क्यों पाकिस्तानी विशेषज्ञ दे रहे भारत से दोस्ती की सलाह?