अफगानिस्तान में चीनी कंपनी निकालेगी तेल, मालामाल होंगे तालिबानी, चीन संग हुआ पहला करार
चीनी राजदूत वांग यी ने कहा कि यह अनुबंध अफगानिस्तान को आत्मनिर्भरता हासल करने की कोशिश में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि चीन-अफगानिस्तान को मिलकर काम करना चाहिए। दोनों देश एक दूसरे के साथ पहाड़ों और पानी से जुड़े हुए हैं।
File Image: ANI
अफगानिस्तान में सत्ता वापसी के लगभग डेढ़ साल बाद पहली बार तालिबान सरकार को विदेशी करार हाथ लगा है। आर्थिक संकट और वैद्ध पहचान के संकट से जूझ रही तालिबानी सरकार के लिए ये राहत की बात कही जा रही है। एक चीनी कंपनी के साथ तालिबान को पहला अंतरराष्ट्रीय करार हुआ है। टोलो न्यूज की खबर के मुताबिक अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ तालिबान ने अमु दरिया बेसिन से तेल निकालने के लिए एक चीनी कंपनी के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
चीन ने तालिबान को नहीं दी मान्यता
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉरपोरेशन की एक सहायक झिंजियांग मध्य एशिया पेट्रोलियम और गैस कंपनी के साथ समझौते पर काबुल में चीनी राजदूत वांग यी उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान तालिबान के आर्थिक मामलों के उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और इस्लामिक अमीरात के कई वरिष्ठ सदस्य भी मौजूद थे। आपको बता दें कि तालिबान ने भले ही चीनी सरकार से तेल और गैस निकालने का करार किया है मगर चीन की ओर से अभी इस शासन को मान्यता नहीं मिली है।
पहले 3 साल तैल और गैस खोजेगी कंपनी
TOLONews की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के कार्यवाहक खानों और पेट्रोलियम मंत्री शहाबुद्दीन देलावर ने कहा कि कंपनी पहले साल तेल और गैस ब्लॉकों का पता लगाने के लिए करीब 150 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी। इसके बाद अगले 3 सालों के लिए कंपनी 540 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी। जानकारी के मुताबिक ये ब्लॉक्स उत्तरी अफगानिस्तान में 4,500 वर्ग किलोमीटर (1,737.5 वर्ग मील) क्षेत्र में स्थित हैं। बरादर ने कहा, "यह समझौता अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और तेल आजादी के स्तर को आगे बढ़ाएगा।"
तालिबान
ने
चीनी
कंपनी
को
दी
चेतावनी
देलावर
ने
कहा
कि
पहले
तीन
साल
बेहद
महत्वपूर्ण
हैं।
इस
अवधि
में
सर-ए-पुल,
जावजान
और
फरयाब
सहित
तीन
प्रांतों
में
4,500
वर्ग
किलोमीटर
परियोजना
के
तहत
तेल
और
गैसों
की
खोज
की
जाएगी
और
कम
से
कम
20,000
टन
तेल
निकाला
जाएगा।
दिलावर
ने
इसके
साथ
ही
चीनी
कंपनी
को
चेतावनी
देते
हुए
कहा
कि
अगर
कंपनी
वचनबद्ध
सिद्धांत
को
पूरा
करने
में
विफल
रही
तो
अनुबंध
रद्द
कर
दिया
जाएगा।
रिपोर्ट
के
मुताबिक
इस
समझौते
से
सीधे
3000
अफगानियों
को
रोजगार
मिलेगा।
3000
अफगानियों
को
मिलेगा
रोजगार
चीनी
राजदूत
वांग
यी
ने
कहा
कि
यह
अनुबंध
अफगानिस्तान
को
आत्मनिर्भरता
हासल
करने
की
कोशिश
में
मदद
करेगा।
उन्होंने
कहा
कि
चीन-अफगानिस्तान
को
मिलकर
काम
करना
चाहिए।
दोनों
देश
एक
दूसरे
के
साथ
पहाड़ों
और
पानी
से
जुड़े
हुए
हैं
और
समान
भाग्य
साझा
करते
हैं।
दोनों
पक्षों
को
एक-दूसरे
का
सहयोग
करना
चाहिए।
आपको
बता
दें
कि
तालिबानी
शासन
को
25
साल
के
इस
अनुबंध
से
15%
रॉयल्टी
फीस
हासिल
होगी।
इससे
तेल
उत्पादन
रोजाना
200
टन
से
शुरू
होगा
और
धीरे-धीरे
बढ़कर
1,000
टन
हो
जाएगा।
पिछले
सर्वेक्षण
के
मुताबिक,
पांच
ब्लॉकों
में
87
मिलियन
बैरल
कच्चे
तेल
का
अनुमान
लगाया
गया
है।
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