बांग्लादेश: 14 इस्लामिक चरमपंथियों को मौत की सज़ा, PM शेख हसीना को की थी मारने की कोशिश
ढाका। बांग्लादेश की एक अदालत ने प्रधानमंत्री शेख हसीना पर जानलेवा हमले के मामले 14 इस्लामिक चरमपंथियों को मौत की सज़ा सुनाई है। आरोप है कि इन सभी ने साल 2000 में प्रधानमंत्री शेख हसीना को एक चुनाव रैली को दौरान बम हमले में मारने की कोशिश की थी।
ढाका में मामले की सुनवाई के स्पीडी ट्रायल के लिए गठित अदालत के जज अबू जफर मोहम्मद कमरुज्जमान ने आदेश में लिखा "अगर कानून के तहत इस पर रोक न हो तो फैसले को उदाहरण साबित करने के लिए इसे फायरिंग स्क्वॉड द्वारा अंजाम दिया जाए।" फैसला सुनाए जाने के समय 11 में से 9 दोषियों को जेल से कोर्ट लाया गया था।
जज ने फैसले में कहा अन्यथा (गोली मारने के आदेश में कानूनी बाधा पर) बांग्लादेश के कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट के हाई कोर्ट डिवीजन द्वारा मौत की सजा की समीक्षा के बाद मंजूरी मिलने पर दोषियों को फांसी दी जा सकती है।
हूजी
के
सदस्य
हैं
सभी
सभी
अपराधी
प्रतिबंधित
संगठन
हरकत
उल
मुजाहिदीन
(हूजी)
बांग्लादेश
के
सदस्य
हैं।
5
आरोपी
फरार
चल
रहे
हैं
और
सुनवाई
के
दौरान
अनुपस्थित
थे।
कानून
के
मुताबिक
राज्य
द्वारा
नियुक्त
वकीलों
ने
उनका
बचाव
किया।
जज
ने
आदेश
दिया
कि
फरार
आरोपियों
की
गिरफ्तारी
के
बाद
उनके
खिलाफ
फैसले
को
अमल
में
लाया
जाएगा।
मामला साल 2020 का है जब देश में चुनाव में अवामी लीग की नेता और प्रधानमंत्री शेख हसीना की दक्षिणी पश्चिमी गोपालगंज में रैली प्रस्तावित थी। इसी रैली स्थल के पास ही सुरक्षा एजेंसियों को 76 किलोग्राम का बम मिला था जिसे हूजी आतंकियों ने प्लांट किया था।