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पृथ्वी से बेहद नजदीकी तारे में सुपरनोवा विस्फोट, असाधारण मात्रा में गामा-रे निकली, बच गई पृथ्वी

वैज्ञानिकों के मुताबिक अब तक जितने भी तारों में विस्फोट हुआ है, उनमें ये तारा पृथ्वी के सबसे नजदीक मौजूद है और इसे स्पेस बेस्ड टेलीस्कोप फर्मी एंड स्वीफ्ट से रिकॉर्ड किया गया है।

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बर्लिन, जून 04: पृथ्वी से एक अरब प्रकाश वर्ष दूर मौजूद तारे में विस्फोट हुआ है और अब तक के रिकॉर्ड के मुताबिक ये विस्फोट पृथ्वी के सबसे पास वाले तारे में हुआ है। वैज्ञानिकों ने इस सुपरनोवा विस्फोट को अपने कैमरे में कैद किया है। ये सुपरनोवा विस्फोट एक तारे के मरने की वजह से हुआ है और अब ये मरा हुआ तारा ब्लैक होल में बदल रहा है। जर्मन इलेक्ट्रॉन सिंक्रोट्रॉन ने तारे में हुए विस्फोट को कैमरे में रिकॉर्ड किया है। रिपोर्ट के मुताबिक बहुत बड़ा गारा किरणों में विस्फोट हुआ है, जिसकी वजह से काफी तेज रोशनी उस तारे से निकल रही है। वैज्ञानिकों के मुताबिक विस्फोट के बाद काफी ज्यादा संख्या में एक्स-रे और गामा रे आकाश में फैल रहा है।

पृथ्वी के नजदीकी तारे में विस्फोट

पृथ्वी के नजदीकी तारे में विस्फोट

वैज्ञानिकों के मुताबिक अब तक जितने भी तारों में विस्फोट हुआ है, उनमें ये तारा पृथ्वी के सबसे नजदीक मौजूद है और इसे स्पेस बेस्ड टेलीस्कोप फर्मी एंड स्वीफ्ट से रिकॉर्ड किया गया है। तारे में हुए इस विस्फोट को रिकॉर्ड करने के लिए पृथ्वी पर मौजूद हाई एनर्जी स्टीरियोस्कोपिक सिस्टम यानि एचईएसएस की मदद ली गई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी से एक अरब प्रकाश वर्ष दूर जिस तारे में विस्फोट हुआ है, वो पृथ्वी के पीछे वाले हिस्से की तरफ है और इरिडानस ग्रह की तरफ से विस्फोट को देखा गया है। इस ब्रह्मांडीय विस्फोट ने एक काफी ज्यादा शक्ति वाला रेडिएशन को जन्म दिया है। जर्मनी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अब तक ब्रह्मांड में जितने भी गामा रे विस्फोट दर्ज किए गये हैं, उनमें ये पृथ्वी के सबसे ज्यादा नजदीक होने के साथ साथ ये काफी ज्यादा खतरनाक और काफी ज्यादा शक्तिशाली है। (प्रतोकात्मक तस्वीर)

पिछली बार 20 अरब प्रकाश वर्ष दूर विस्फोट

पिछली बार 20 अरब प्रकाश वर्ष दूर विस्फोट

वैज्ञानिकों के मुताबिक पिछली बार जिस तारे में गामा रे विस्फोट हुआ था, वो पृथ्वी से 20 अरब प्रकाश वर्ष दूर था और पृथ्वी के लिए बिल्कुल भी नुकसानदेह नहीं था। अभी जिस विस्फोट को वैज्ञानिकों ने अपने कैमरे में रिकॉर्ड किया है, उसका नाम जीआरबी 190829ए नाम दिया गया है और इसे सबसे पहले 29 अगस्त 2019 को महसूस किया गया था। जर्मन इलेक्ट्रॉन सिंक्रोट्रॉन के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एंड्र्यू टेलन ने कहा कि 'जिस वक्त इस तारे में विस्फोट हुआ था, उस वक्त मैं उसे देख रहा था।' उन्होंने कहा कि 'हमलोग कई दिनों से काफी ज्यादा प्रकाश को महसूस कर रहे थे और उससे काफी ज्यादा मात्रा में गामा रे निकला है।' (प्रतोकात्मक तस्वीर)

बेहद विचित्र खलोगीय खटना

बेहद विचित्र खलोगीय खटना

वैज्ञानिकों की टीम ने कहा कि 'इस सुपरनोवा विस्फोट ने पहले से स्थापित खगोलीय विस्फोट को लेकर बनाई गई धारणा को चुनौती दी है। क्योंकि ये पृथ्वी से काफी नजदीक है, इसीलिए हम इसे ज्यादा अच्छे ढंग से समझ पा रहे हैं'। वैज्ञानिकों ने कहा कि विस्फोट के दौरान काफी ज्यादा संख्या में फोटोन भी निकले हैं लेकिन उन्हें रोशनी अपने में समाहित नहीं कर पाई है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि ब्रह्मांड में अब तक जितने भी सुपरनोवा विस्फोट हुए हैं, उनमें ये सबसे बड़ा और शक्तिशाली विस्फोट हुआ है। इसके पीछे की वजह तारे की मौत है। वैज्ञानिकों ने कहा कि अब ये तारा ब्लैकहोल बनने की कगार पर आ रहा है। (प्रतोकात्मक तस्वीर)

क्या होता है सुपरनोवा विस्फोट?

क्या होता है सुपरनोवा विस्फोट?


काफी ज्यादा उम्र के हो चुके किसी तारे के टूटने की वजह से वहां काफी ज्यादा मात्रा में ऊर्जा पैदा होती है। ये ऊर्जा कई हजार सूर्य को एक साथ मिला दिया जाए, उससे भी ज्यादा होती है और उससे भारी मात्रा में गामा रे बाहर निकलता है। सुपरनोवा विस्फोट से निकलने वाली ऊर्जा इतनी ज्यादा होती है कि हमारी गैलेक्सी उसके सामने पूरी तरह से फीका पड़ सकता है। माना जाता है कि पिछली बार जिस सुपरनोवा विस्फोट का असर पृथ्वी पर पड़ा था वो करोड़ों साल पहले हुआ था। (प्रतोकात्मक तस्वीर)

पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं

पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बार जिस तारे में विस्फोट हुआ है, उससे पृथ्वी को नुकसान नहीं होगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक जिस तारे में विस्फोट हुआ है वो पृथ्वी से एक अरब प्रकाश वर्ष दूर है लेकिन अगर यही विस्फोट पृथ्वी से सिर्फ 500 प्रकाशवर्ष दूर होता तो पृथ्वी पूरी तरह से खत्म हो जाती। वैज्ञानिकों के मुताबिक तारे के विस्फोट के बाद जो गामा किरण निकलती है वो धरती पर मौजूद जीवन को पूरी तरह से खत्म करने ले लिए काफी है। 500 प्रकाशवर्ष की दूरी के अंदर अगर सुपरनोवा विस्फोट होता है तो उससे जो गामा किरण निकलेगी, उसे रोकने में पृथ्वी का ओजोन परत सक्षम नहीं होगा और गामा किरण पृथ्वी पर आ जाएगी और जीवन को बर्बाद कर देगी। (प्रतोकात्मक तस्वीर)

कितना खतरनाक होता है विस्फोट

कितना खतरनाक होता है विस्फोट

वैज्ञानिकों का कहना है कि ओजोन परत खत्म होने से पृथ्वी पर मौजूद तमाम पेड़-पौधे फौरन खत्म हो जाएंगे और इंसानों को कई खतरनाक बीमारियां फौरन जकड़ लेंगी, जिनसे बचना नामुमकिन होगा। ये विस्फोट इतना खतरनाक होता है कि हजारों ज्वालामुखी विस्फोट भी इसके सामने फीका होगा। विस्फोट के बाद निकली किरण की चपेट में अगर हमारे सैटेलाइट आते हैं तो वो खराब हो जाएंगे। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी कई करोड़ साल तक पृथ्वी के सामने कोई खतरा नहीं है। (प्रतोकात्मक तस्वीर)

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English summary
There has been an explosion in a star located one billion light years away from Earth and according to the records so far, this explosion has happened in the nearest star to Earth.
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