अफगान राष्ट्रपति और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री में बहसबाजी, कॉन्फ्रेंस के दौरान भिड़े असरफ गनी और इमरान खान
उज्बेकिस्तान में अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच तीखी बहसबाजी हुई है।
नई दिल्ली, जुलाई 16: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच एक सम्मेलन के दौरान ही जमकर बहस हो गई है। एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान दोनों देशों के प्रमुखों के बीच तीखी बहस हुई है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को अफगानिस्तान के इस हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया, जिसपर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भड़क गये।
सम्मेलन में तीखी बहस
दरअसल, उज्बेकिस्तान के ताशकंद में 'सेंन्ट्रल एंड साउथ एशिया रीजनल कनेक्टिविटी: चैलेजेंज एंड ऑपरटुनिटिज' विषय पर एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी पहुंचे थे। लेकिन, अशरफ गनी ने इस दौरान पाकिस्तान को आईना दिखाना शुरू कर दिया। अशरफ गनी ने सीधे तौर पर अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका को नकारात्मक करा दिया और कहा कि देश की बर्बादी में पाकिस्तान का सबसे बड़ा हाथ है। अशरफ गनी के इस आरोप के बाद इमरान खान भड़क गये और फिर दोनों नेताओं में बहस शुरू हो गई।
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आरोपों पर बोले इमरान खान
इस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद थे, जो अपने ऊपर लगे आरोपों से भड़क गये और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति से बहस करने लगे। इमरान खान ने कहा कि ''अफगानिस्तान की जो स्थिति है, उसके लिए पाकिस्तान पर इल्जाम लगाना बिल्कुल नाइंसाफी है।'' इमरान खान ने कहा कि ''अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी को मैं बताना चाहता हूं कि अफगानिस्तान की अशांत स्थिति से सबसे ज्यादा प्रभावित पाकिस्तान ही हुआ है। अफगानिस्तान संकट की वजह से पाकिस्तान में पिछले 15 सालों में 70 हजार लोगों की जान गई है और एक बात जो साफ है, वो ये कि पाकिस्तान अब संघर्ष में नहीं जाना चाहता है।''
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पाकिस्तान ने पल्ला झाड़ा
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कॉन्फ्रेंस के दौरान अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा कि जब अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ने का ऐलान किया था, उस वक्त भी तालिबान समझौते के लिए तैयार नहीं था। इमरान खान ने अशरफ गनी से कहा कि ''जब अफगानिस्तान में नाटो के 15 हजार सैनिक मौजूद थे, वो वक्त था, जब तालिबान को बातचीत के टेबल पर बुलाया जाता और फिर तालिबान क्यों समझौता करने लगे, जब एक बार सैनिकों की वापसी की तारीख तय हो गई। अब वो हमारी बात क्यों सुनेंगे, जब वो जीत के गंध को महसूस कर रहे हैं।''
पाकिस्तान पर आरोप
अफगानिस्तान की बिगड़ती स्थिति के साथ ही अफगानिस्तान की टॉप लीडरशिप लगातार सबूतों के आधार पर पाकिस्तान को घेर रही है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को तालिबान के ऊपर हवाई हमले नहीं करने की भी चेतावनी दी है। वहीं, पाकिस्तान ने बेहद नाटकीय अंदाज में करीब 2 अरब रुपये तालिबान तक पहुंचाए हैं। वहीं, अफगानिस्तान मीडिया ने ये भी दावा किया है कि पाकिस्तान की सेना के कई जवान तालिबान के साथ मिलकर लड़ रहे हैं, वहीं तालिबान अपने तोपों को इस्तेमाल करने के बाद पाकिस्तान भेज देता है। जिसको लेकर अफगान राष्ट्रपति ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया था। वहीं, इस ताशकंद में दोनों नेताओं के बीच जमकर तूतू-मैंमैं हुई है।
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खुद को पीड़ित बताते इमरान
अफगानिस्तान की स्थिति अत्यंत खराब करने के बाद इमरान खान ने कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ''अफगानिस्तान की शांति के लिए पाकिस्तान ने जितनी कोशिश की है, उतनी कोशिश अभी तक किसी ने नहीं की है''। इमरान खान ने कहा कि ''मैं आपको यकीन दिलाना चाहता हूं कि बातचीत के टेबल पर तालिबान को लाने के लिए पाकिस्तान ने काफी कड़ी मेहनत की है। हमने हमेशा चाहा कि अफनागिस्तान मुद्दे का समधान पूर्वक समाधान हो।'' हालांकि, कॉन्फ्रेस में इमरान खान खुद को पाक साफ बताने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तालिबान के पाकिस्तान का सपोर्ट हासिल है. ये बात हर कोई जानता है।