'ड्रैगन' के खिलाफ ताइवान को घातक हथियारों से लैस करेगा अमेरिका! अब क्या करेगा चीन?
चीन कह चुका है कि, अगर जरूरत पड़ी तो वह ताइवान के खिलाफ सैन्य बल का इस्तेमाल करके उसे चीन में मिला लेगा। अमेरिका उसके इस बयान से बौखलाया हुआ है।
वाशिंगटन, 30 अगस्त : अमेरिका ताइवान को चीन से रक्षा करने का वचन दे चुका है। पोलिटिको (Politico) ने चीन के साथ बढ़ते तनाव (Taiwan Tension) के बीच सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी कांग्रेस से ताइवान को अनुमानित 1.1 बिलियन डॉलर की हथियारों की बिक्री को मंजूरी देने की योजना बनाई है, जिसमें 60 एंटी-शिप मिसाइल और 100 एयर-टू-एयर मिसाइल शामिल हैं।
ताइवान की आड़ में चीन को भड़का रहा अमेरिका!
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ताइवान को चीन से बचाने के लिए उसे सैन्य सहायता देने का प्लान बना रहा है। इसके लिए बाइडेन प्रशासन ने 1.1 बिलियन डॉलर की हथियारों की बिक्री को मंजूरी देने बात कही है। इसी महीने अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान की यात्रा के बाद चीन ने लोकतांत्रिक रूप से शासित द्वीप पर खतरनाक सैन्य अभ्यास किया। इसकी चर्चा दुनिया भर के देशों में हुई। अमेरिका के इस कदम की रूस और चीन कड़ी निंदा की थी। इतना ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो नैन्सी पेलोसी को 'क्रेजी' यानी की 'पागल' तक कह दिया था।
चीन ने कहा, अमेरिका जानबुझकर ये सब कर रहा है
चीन का कहना है कि, अमेरिका जानबुझकर ताइवान में अपने प्रतिनिधियों को भेज रहा है, ताकि चीन को भड़काया जा सके। इससे एशियाई क्षेत्र में भारी उथल-पुथल हो सकती है। वहीं, बीजिंग ने द्वीप को अपने नियंत्रण में लेने के लिए बल प्रयोग से इनकार नहीं किया है। हालांकि चीन ने ताइवान के नियंत्रण वाले द्वीपों के बहुत करीब जाकर ताइवान को मिलिट्री ड्रोन से धमकी देने की शिकायतों को सिरे से खारिज कर दिया है। वह इसलिए क्योंकि ताइवान ने चीन के इस मिलिट्री ड्रिलिंग को चोर वाला काम कहकर इसे वायरल करने का प्रयास किया था।
अमेरिका का ताइवान को समर्थन
वहीं, रायटर के मुताबिक, अमेरिका के बाइडेन प्रशासन और अन्य अमेरिकी सांसदों ने ताइपे के लिए अपना समर्थन दिया है। इसके तहत ताइवान को अमेरिकी सहायता की घोषणा आने वाले हफ्तों या महीनों में दी जाने की बात कही थी। सूत्रों की माने तो, अमेरिका ताइवान को चीन के खिलाफ समर्थन देने का मन बना चुका है। वह अपना पूरा ध्यान ताइवान को सैन्य सहायता देकर उसे सशक्त करने पर लगा रहा है। चीन के साथ अमेरिका की कड़वाहट तो जग जाहिर है और इसकी संवदेनशीलता को देखते हुए अमेरिका किसी भी तरीके से ताइपे को सहायता देने के प्रयासों में जुटा हुआ है। दूसरी तरफ व्हाइट हाउस ने पोलिटिको की इस रिपोर्ट का फिलहाल कोई भी जवाब नहीं दिया है।
नैन्सी की ताइपे की यात्रा के बाद मुद्दा गरमाया
बता दें कि, अगस्त महीने में अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने चीन के कड़े विरोध के बावजूद ताइवान की यात्रा की थी। इसके बाद से ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव का माहौल बन गया था। पेलोसी के इस दौरे पर चीन की धमकियों को देखते हुए सुरक्षा कारणों से एयरपोर्ट पर अंधेरा रखा गया था। उनके ताइवान में पहुंचने के बाद चीन ने इसे उकसाने वाली कार्रवाई बताया था। चीन ने कहा था कि अमेरिका को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अलर्ट मोड पर ताइवान
वहीं, नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा से भड़के चीन की धमकियों को देखते हुए ताइवान ने देश में अलर्ट जारी किया था। इस दौरान ताइवान की सरकार ने रात में अपने नागरिकों को अलर्ट रहने को कहा था। बता दें कि, नैन्सी की ताइवान दौरे के क्रम में ही चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि कि चीनी सेना उसी रात से ही ताइवान के चारों ओर युद्धाभ्यास करेगी।