अमेरिका में टिकटॉक-मेटा पर 100 से अधिक स्कूलों ने किया केस, वजह ये है
सोशल मीडिया कंपनियां से युवाओं को होने वाले संभावित नुकसान की बात सबसे पहले 2021 के अंत में सामने आई, जब मेटा के पूर्व कर्मचारी फ्रांसेस हौगेन ने कंपनी के आंतरिक संचालन से जुड़े दस्तावेजों का खुलासा किया था।
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अमेरिका में सिएटल शहर के स्कूलों ने फेसबुक और टिकटॉक जैसी कंपनियों पर मुकदमा कर दिया है। स्कूलों ने बताया है कि इन बिग टेक कंपनियों की वजह से युवाओं में सोशल मीडिया की लत लग गई है और वे इस कारण कई परेशानियों से जूझ रहे हैं। मुकदमे में कहा गया है कि स्कूल अपने शैक्षिक मिशन को पूरा नहीं कर पा रहे हैं जबकि छात्र चिंता, अवसाद और अन्य मनोवैज्ञानिक परेशानियों से हो रहे पीड़ित हैं।
100 से अधिक स्कूलों ने किया केस
सिएटल कोर्ट में शुक्रवार को दायर की गई शिकायत के अनुसार, अल्फाबेट, मेटा (फेसबुक), स्नैप चैट, टिकटॉक और बाइटडांस जैसी कंपनियां युवाओं में पैदा होने वाली मानसिक बिमारियों के लिए जिम्मेदार हैं। सिएटल शहर में 100 से भी ज्यादा स्कूल हैं जिनमें लगभग 50,000 बच्चे पढ़ते हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि अमेरिका में एक स्कूल डिस्ट्रिक्ट द्वारा लाया गया यह अपनी तरह का पहला मुकदमा है।
अभिभावकों ने कंपनियों को आत्महत्या के लिए दोषी ठहराया
हालांकि पिछले साल इसी तरह का एक मामला सामने आया था जिसमें कई अमेरिकी अभिभावकों ने अदालत में याचिका दायर कर एक दर्जन से अधिक तकनीकी कंपनियों को आत्महत्या के लिए दोषी ठहराया था। सोशल मीडिया कंपनियां से युवाओं को होने वाले संभावित नुकसान की बात सबसे पहले 2021 के अंत में सामने आई, जब मेटा के पूर्व कर्मचारी फ्रांसेस हौगेन ने कंपनी के आंतरिक संचालन से जुड़े दस्तावेजों का खुलासा किया था।
कमजोर युवाओं को निशाना बना रही कंपनी
फ्रांसेस हौगेन ने मेटा पर आरोप लगाते हुए दावा किया था कि कंपनी मुनाफा बढ़ाने के लिए जानबूझकर कमजोर युवाओं को निशाना बना रही है। इस आरोप के बाद संसद में इसकी सुनवाई हुई और कई राज्यों में अटॉर्नी जनरल ने इसकी जांच भी शुरू कर दी। बता दें कि अमेरिका में संचार शालीनता अधिनियम की धारा 230 है, जो उपयोगकर्ताओं द्वारा पोस्ट की गई हानिकारक सामग्री पर दावों से इंटरनेट प्लेटफॉर्म को व्यापक प्रतिरक्षा प्रदान करती है। इस कानून ने उन्हें इतने प्रभावी रूप से बचा रखा है कि अब दोनों राजनीतिक पार्टियां रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स ने इसमें सुधार का आह्वान किया है।
गूगल ने रक्षा अपना पक्ष
गूगल के प्रवक्ता जोस कास्टानेडा ने एक ईमेल में कहा, "हमने अपने प्लेटफॉर्म पर बच्चों के लिए सुरक्षित अनुभव बनाने में बड़ा निवेश किया है और बच्चों की भलाई को प्राथमिकता देने के लिए मजबूत सुरक्षा और समर्पित फीचर पेश किए हैं।" उदाहरण के लिए, फैमिली लिंक के माध्यम से, हम माता-पिता को रिमाइंडर्स सेट करने, स्क्रीन समय सीमित करने और पर्यवेक्षित उपकरणों पर विशिष्ट प्रकार की सामग्री को ब्लॉक करने की क्षमता प्रदान करते हैं।"
मेटा ने जवाब देने से किया इनकार
फिलहाल इन आरोपों को लेकर मेटा ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। स्नैप और टिकटॉक के प्रतिनिधियों ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया है। हालांकि कंपनियां पहले से ये दावे करती रही हैं कि वे अपने सबसे कम उम्र के उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य विषयों पर संसाधनों की पेशकश करना और हानिकारक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों में सुधार करना शामिल है।
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