'क्या इसमें एलियंस का हाथ'? अंतरिक्ष से 82 घंटे में मिले 1893 सिग्नल, अमेरिका-चीन जैसे दुश्मन आ गए साथ
नई दिल्ली: क्या ब्रह्मांड के किसी दूसरे ग्रह पर भी जीवन है? क्या सच में एलियंस होते हैं? इन जैसे सवालों के जवाब के लिए अमेरिका, चीन, रूस, भारत समेत कई देशों की स्पेस एजेंसियां लगी हुई हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस बहुत हाथ नहीं लगा। हालांकि पिछले कुछ वक्त से इंसानों को अंतरिक्ष से रहस्यमयी सिग्नल जरूर मिल रहे, जिसको लेकर अब एक बड़ा खुलासा हुआ है।
91 घंटे तक नजर रखी
कुछ वक्त से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष से रहस्यमयी सिग्नल मिल रहे। शुरू में किसी को समझ नहीं आया कि ये कहां से आ रहे हैं, लेकिन जब रेडियो टेलीस्कोप से उसकी निगरानी की गई, तो वैज्ञानिकों के होश उड़ गए। वैज्ञानिक की टीम ने सिग्नल की दिशा में 91 घंटे तक नजर रखी, जिसमें 82 घंटे तक 1863 सिग्नल मिले। हालांकि अब इस दिशा में काफी अहम जानकारियां इकट्ठा हो चुकी हैं।
सोर्स का पता चला
चीन में पेकिंग विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री हेंग जू की टीम ने इसको लेकर रिसर्च की। जिसमें पता चला कि ये सिग्नल हमारी ग्रह से बहुत ज्यादा दूरी पर स्थित गैलेक्सी से आ रहे। जहां से ये सिग्नल आ रहे उसका नाम FRB 20201124A है। इस सिग्नल का पता चलाने में चीन के फाइव हंड्रेड मीटर अपर्चर स्फेरिकल रेडियो टेलिस्कोप (FAST) ने काफी मदद की।
दो दुश्मन देश आ गए साथ
हेंग जू की टीम के मुताबिक ये सिग्नल किसी न्यूट्रॉन स्टार से आ रहे हैं, जिसका मैग्नेटिक फील्ड काफी ज्यादा है। इसका मतलब है कि अगर कोई दूसरा तारा इसके करीब आया तो ये उसे निगल लेगा। ये जंगल में घूमते एक शिकारी जानवर की तरह है। इससे भी ज्यादा दिलचस्प बात ये है कि इस सिग्नल की पड़ताल के लिए अमेरिका और चीन के वैज्ञानिक साथ काम करने लगे, जबकि दोनों देशों में स्पेस सेक्टर में आगे बढ़ने की काफी ज्यादा होड़ मची हुई है।
इसे समझना बहुत मुश्किल
मामले में लास वेगास में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नेवादा की एस्ट्रोफिजिसिस्ट बिंग झांग ने कहा शोधकर्ताओं को वेवलेंथ के रेडियो सिग्नल मिल रहे हैं, जो बहुत ज्यादा रहस्यमयी हैं। उनको अभी तक ये नहीं पता चल पाया है कि ये सिग्नल कहां से आ रहे। क्या कोई एलियन ग्रह इनको भेज रहा या इनका सोर्स कुछ अलग है। झांग के मुताबिक FRB 20201124A की गैलेक्सी हमारी गैलेक्सी की तरह ही नजर आ रही, लेकिन इसे समझना इतना आसान नहीं है।
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क्या है FRB?
वैज्ञानिकों के मुताबिक फास्ट रेडियो बर्स्ट (FRB) की खोज 15 साल पहले हुई थी, तब से ये वैज्ञानिकों को परेशान कर रहे। ये वाला सिग्नल एफआरबी से थोड़ा अलग नजर आ रहा है। हैरानी की बात है कि एफआरबी इतनी ऊर्जा छोड़ते हैं, जितना 50 करोड़ सूरज मिलकर निकालेंगे। फिलहाल FRB 20201124A पर पूरी नजर रखी जा रही है।