Motivational Story: दृष्टिहीन होने के बावजूद यश सोनकिया ने किया कमाल, माइक्रोसॉफ्ट ने दिया इतने लाख का पैकेज
इंदौर, 30 अगस्त: कहते हैं मंजिले उन्ही को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। जी हां, इन्हीं पंक्तियों को साकार कर दिखाया है, इंदौर के रहने वाले दृष्टिहीन स्टूडेंट यश सोनकिया ने, एसजीएसआईटीएस कॉलेज इंदौर के कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग से यश सोनकिया पिता यशपाल सोनकिया ने सत्र 2021 में 7.2 सीजीपीए से कंप्यूटर साइंस की डिग्री से उत्तीर्ण की है, वहीं अब यश को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी से जॉब ऑफर प्राप्त हुआ। इतना ही नहीं यश को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने 47 लाख का पैकेज ऑफर किया है।
यश ने किया कुछ ऐसा कमाल
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एयरपोर्ट रोड पर रहने वाले यश सोनकिया पढ़ाई में बेहद ही होशियार हैं। यही कारण रहा कि, दृष्टिहीन होने के बावजूद भी यश ने एसजीआईटीएस कॉलेज से कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल करते हुए साल 2021 की परीक्षा में 7.2 सीजीपीए हासिल किया है। यश सोनकिया शत प्रतिशत ब्लाइंड हैं, बावजूद इसके यश ने कड़ी मशक्कत के बाद यह कमाल कर दिखाया है। वहीं यश की उपलब्धि पर पूरे शहर और प्रदेश को गर्व है, तो वहीं उनका परिवार भी उत्साहित नजर आ रहा है।
यश को थी कुछ इस प्रकार की बीमारी
यश के पिता की माने तो यश को जन्म के बाद से ही ग्लूकोमा नामक बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया, जिस कारण यश देख नहीं सकता है। यश के पिता ने बताया कि, इस बीमारी का इलाज कराते हुए उन्होंने यश के कई ऑपरेशन कराए, लेकिन 8 साल की उम्र तक आते-आते यश की आंखों की रोशनी पूरी तरह से खत्म हो गई, जिसके बाद डॉक्टरों ने यहां तक कह दिया कि, यह अब कभी देख नहीं पायेगा। लेकिन यश की कड़ी मशक्कत और प्रयासों का ही परिणाम रहा कि, यश ने आखिरकार अपना लक्ष्य हासिल कर लिया।
बेंगलुरु कैंपस के लिए हुआ प्लेसमेंट
जानकारी के मुताबिक यश सोनकिया का प्लेसमेंट माइक्रोसॉफ्ट बेंगलुरु कैंपस के लिए हुआ है। यश के प्लेसमेंट की यह प्रक्रिया अप्रैल माह में शुरू हुई थी, जिसके बाद इंटरव्यू के कई राउंड हुए, और फाइनल राउंड होने के बाद यश को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की ओर से लगभग 47 लाख का पैकेज ऑफर किया गया। यश का सिलेक्शन ओपन केंपस प्लेसमेंट के तहत हुआ है। फिलहाल, कंपनी ने शुरुआत में यश को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा प्रदान की है। वहीं यश की इस उपलब्धि पर अब उनका पूरा परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है।