बाबा रामदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पतंजलि की कोरोना की दवा का रिसर्च पेपर किया जारी
योग गुरु बाबा रामदेव ने शुक्रवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पतंजलि की कोरोना वायरस की दवा पर एक रिसर्च पेपर जारी किया।
नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव ने शुक्रवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पतंजलि की कोरोना वायरस की दवा पर एक रिसर्च पेपर जारी किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और नितिन गडकरी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में आयुर्वेद की 30 हजार करोड़ रुपए की अर्थव्यवस्था है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कोरोना महामारी से पहले इसमें 15-20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी जो महामारी के बाद बढ़कर 50-90% हो गई है। यह एक संकेत है कि लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया है।
आपको बता दें कि बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना वायरस की एक दवा कोरोनिल बनाई थी। लेकिन बाद में उन पर सवाल उठे थे की उन्होंने इस दवाई को बिना क्लिनिकल ट्रायल के बाजार में बेचने के लिए उतार दिया है।
जबकि पतंजलि ने दावा किया कि उन्होंने इसका क्लीनिकल ट्रायल किया है और कोरोना संक्रमित लोगों पर इसका सौ फीसद सकारात्मक असर हुआ है। बाबा रामदेव के दावे के बाद भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इस पर संज्ञान लिया और कहा कि मंत्रालय को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मंत्रालय ने इस दवा के प्रचार-प्रसार पर भी रोक लगा दी थी।
इससे पहले रामदेव ने आरोप लगाया था कि पतंजलि आयुर्वेद को विवादास्पद कोविड-19 प्रतिरक्षा बूस्टर दवा कोरोनिल के लिए प्रतिदिन 10 लाख पैक की मांग मिल रही है। पिछले साल जून में स्वामी रामदेव ने दावा किया था कि उनकी दवा कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों को ठीक कर सकती है, लेकिन आयुष मंत्रालय ने इसकी बिक्री पर रोक लगा दी थी।
हालांकि बाद में मंत्रालय ने यह सुनिश्चित किया था कि पतंजलि इस दवा को इम्युनीटी बूस्टर के तौर पर बेच सकती है न कि कोरोना वायरस को ठीक करने की दवा के रूप में। मद्रास उच्च न्यायालय ने पतंजलि को चेन्नई स्थित एक कंपनी द्वारा दायर याचिका पर 30 जुलाई तक कोरोनिल ट्रेडमार्क का उपयोग करने से रोक दिया था।