World Elder Abuse Awareness Day: बुजुर्गों की सुरक्षा पहले से भी अधिक जरूरी क्यों है?
World Elder Abuse Awareness Day: बुजुर्गों की सुरक्षा पहले से भी अधिक जरूरी क्यों हो गई है?
नई दिल्ली, 15 जून: विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस हर साल 15 जून को वरिष्ठ नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में शिक्षित करने के लिए मनाया जाता है। विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के मुद्दे को उजागर करने के लिए समर्पित है। विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस के लिए इस वर्ष की थीम 'न्याय तक पहुंच' है। ये दिन जून 2006 में अस्तित्व में आया, जब 15 जून को बुजुर्गों के लिए विशेष दिन घोषित करने का अनुरोध संयुक्त राष्ट्र से किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता साल 2011 में दी गई थी। इस वर्ष का विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। विशेषज्ञों ने बुजुर्गों (60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों) को कोरोना वायरस से बचाव के लिए अधिक सावधान रहने की सलाह दी है क्योंकि वे इसके प्रति ज्यादा संवेदनशील हैं।
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कोरोना काल में बुजुर्गों के जीवन पर बढ़ा खतरा
बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार शारीरिक, यौन, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और वित्तीय हो सकता है और इसमें उपेक्षा भी शामिल हो सकता है। बड़े पैमाने पर बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार का डेटा कम है...क्योंकि आमतौर पर इसके मामले कम रिपोर्ट की जाती है। वायरस महामारी के प्रकोप और उसके बाद लगे लॉकडाउन ने बुजुर्गों चुनौतियां केवल बढ़ाई हैं। कोरोना के कारण वृद्ध लोगों को मृत्यु दर और गंभीर बीमारी का अधिक खतरा होता है। कोरोना काल में वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को और अधिक खतरा है।
रिसर्च में सामने आई ये बात
हाल ही में एजवेल फाउंडेशन द्वारा किए गए एक रिसर्च से पता चला है कि भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच लॉकडाउन के दौरान लगभग 73 प्रतिशत बुजुर्गों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2021 से पहले ये सर्वेक्षण जारी की गई है। इस सर्वेक्षण में 5,000 से अधिक बुजुर्गों को शामिल किया गया था। 5,000 बुजुर्गों में से 82 फीसदी बुजुर्ग ने कहा है कि मौजूदा कोरोना महामारी की स्थिति ने उनके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
इसके अलावा, हमारे समाज में तेजी से हो रहे बदलावों के कारण बुजुर्गों को अकेलापन और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। डिजिटल क्रांति, औद्योगीकरण, शहरीकरण और वैश्वीकरण हमारे सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों को बदल रहे हैं। मौजूदा फैमिली सिस्टम और दिन-प्रतिदिन हर गतिविधियों का डिजिटल होना वृद्ध वयस्कों को हाशिए पर डाल रहा है। इसलिए उनकी सुरक्षा करना अब पहले से कहीं अधिक ज्यादा जरूरी हो गया है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका दुरुपयोग और शोषण न हो। उनकी देखभाल करना हमारा सभ्यतागत कर्तव्य है।
विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस का इतिहास
यह दिन दिसंबर 2011 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा संकल्प 66/127 में आधिकारिक रूप से स्वीकार किए जाने के बाद स्थापित किया गया था। यह प्रस्ताव तब सामने आया जब इंटरनेशनल नेटवर्क फॉर प्रिवेंशन ऑफ एल्डर एब्यूज जून 2006 में इस दिन को मनाने का अनुरोध किया था।
विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस का मुख्य लक्ष्य दुनिया भर में हमारे समुदायों को वृद्ध लोगों के साथ दुर्व्यवहार और उपेक्षा के बारे में बेहतर जानकारी देना। यह एक वैश्विक सामाजिक मुद्दा है जो न केवल वृद्ध लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है बल्कि उनके अधिकारों को भी कम करता है।