जामिया में छात्राओं के साथ बदसलूकी पर महिला आयोग ने पुलिस कमिश्वर से मांगी रिपोर्ट
जामिया में छात्राओं के साथ बदसलूकी पर महिला आयोग ने पुलिस कमिश्वर से की कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग ने दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्राओं के साथ बदसलूकी की खबरों पर पुलिस कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी है। आयोग की और से दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को लिखा गया है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुरुष पुलिसकर्मियों का छात्राओं के साथ बदसलूकी की जो रिपोर्ट, वीडियो सामने आए हैं, उनकी जांच हो।
आयोग ने मामले की निष्पक्ष जांच करने और साथ ही इसको लेकर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को देने के लिए कहा है। नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान रविवार को ओखला क्षेत्र में हिंसा हुई थी। जामिया वीसी और स्टूडेंट का कहना है कि इस दौरान पुलिस कैंपस में घुस गई। पुलिस ने स्टाफ और छात्रों को इस दौरान पीटा। छात्राओं के साथ भी बदतमीजी की गई। वीसी ने इसे यूनिवर्सिटी पर बड़ा अटैक बताया है। उन्होंने इसको लेकर पुलिस के खिलाफ एफआईआर कराने और मामले को उच्चस्तर पर ले जाने की बात कही है।
नागरिकता संशोधन कानून का देश के कई हिस्सों में भारी विरोध हो रहा है। असम, त्रिपुरा और मेघालय में तो प्रदर्शन हो ही रहे हैं। देश की कई बड़े विश्वविद्यालयों के छात्र की लगातार कानून के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं। दिल्ली के जामिया मिलिया में बीते कई दिनों से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को भी छात्रों ने प्रदर्शन किया है।
नागरिकता संशोधन एक्ट, 2019 बीते हफ्ते सदन से पास हुआ है। इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल और कई संगठन भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं।
नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी दो दर्जन से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं। सर्वोच्च अदालत में अब तक पीस पार्टी, रिहाई मंच, जयराम रमेश, प्रद्योत देब बर्मन, जन अधिकार पार्टी, एमएल शर्मा, असदुद्दीन ओवैसी, महुआ मोइत्रा की ओर से याचिकाएं डाली गई हैं। इनकी मांग है कि इस कानून को रद्द कर दिया जाए।
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