कांग्रेस के इन चार सांसदों की मदद से मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल चुटकियों में कराया पास
नई दिल्ली- 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में 4 सीटें पहले से ही खाली थी। मंगलवार सुबह कांग्रेस सांसद संजय सिंह के इस्तीफे से यह संख्या भी घटकर 240 रह गई। लेकिन, जब ट्रिपल तलाक बिल पर वोट देने की बारी आई तो 240 सांसदों में से भी 56 सांसद गायब हो गए। बड़ी बात ये है कि वोटिंग के दौरान गायब रहने वाले इन 56 सांसदों में से भी आधे यानि 23 विपक्षी सांसद थे, जिनमें व्हिप जारी रहने के बावजूद नदारद होने वाले 4 कांग्रेसी सांसद भी शामिल हैं। इन चारों कांग्रेसियों के नाम पर चर्चा करने से पहले थोड़ी सी बात बीजेपी के फ्लोर मैनेजमेंट की कर लेते हैं, जिसने राजनीति के माहिर खिलाड़ियों को भी चौंका दिया है।
सरकारी फ्लोर मैनेजमेंट से विपक्ष चारों खाने चित
संख्याबल नहीं रहते हुए भी सत्ताधारी बीजेपी ने जिस तरह से तीन तलाक बिल पास कराया है, वह उसके फ्लोर मैनेजरों की मेहनत का परिणाम माना जा सकता है। खुद बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि इसके लिए पिछले हफ्तेभर से रणनीति तैयार हो रही थी। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इसकी जिम्मेदारी तय कर दी थी और नंबर जुटाने का जिम्मा भूपेंद्र यादव, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान और प्रह्लाद जोशी को सौंप दिया था। जबकि, मंगलवार को हर तरह के समन्वय का काम वी मुरलीधरन को दिया गया था। पार्टी के फ्लोर मैनेजरों को पहले तो यह सुनिश्चित करना था कि उसके अपने 78 सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित हो जाए। इसके बाद पार्टी नेताओं को सभी संभावित सांसदों से निजी तौर पर संपर्क साधना था। पार्टी के एक नेता ने बताया कि "हमने सभी की गिनती की, गायब रह सकने वाले संभावितों का आकलन करके उनसे संपर्क किया। विपक्षी नेताओं का अति-आत्मविश्वास हमारे लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद रहा, जिन्होंने इसपर ध्यान ही नहीं दिया कि कैसे सभी सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित हो।" एक मंत्री ने कहा है कि, 'हम अपनी योजना के मुताबिक काम कर रहे थे, लेकिन जब तक नंबर पर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हो गए, उसका खुलासा नहीं होने दिया। पार्टी नेतृत्व ने तय किया था कि बिल को संसद के इसी सत्र में पास हो जाना चाहिए।' मंगलवार सुबह भी बीजेपी संसदीय दल की मीटिंग में अमित शाह ने इसी ओर इशारा किया था कि सांसद बिलों पर चर्चा और वोटिंग के दौरान उपस्थित रहें, खासकर तब जब विपक्ष वोटों के बंटवारे पर जोड़ डाले।
सीबीआई-ईडी का डर दिखाकर पास कराया बिल-टीएमसी
जिस तरह से बहुमत नहीं होने होने के बावजूद राज्यसभा में सरकार ने आटीआई बिल और ट्रिपक तलाक बिल को पास कराया है, उसने निश्चित ही राजनीतिक पंडितों को भी हैरान कर रखा होगा। हालांकि, विपक्ष का मानना है कि ट्रिपल तलाक बिल पास होना कोई फ्लोर मैनेजमेंट का कमाल नहीं है, बल्कि सरकारी एजेंसियों का डर दिखाकर सरकार ने ये सफलता पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि " यह फ्लोर मैनेजमेंट नहीं है। यह बीजेपी की कोई अदृश्य नहीं, बल्कि सबसे भरोसेमंद सहयोगी सीबीआई और ईडी है।" मतलब वे साफ आरोप लगा रहे हैं कि इन केंद्रीय एजेंसियों का डर दिखाकर सत्ताधारी दल ने विपक्षी सांसदों को वोट नहीं डालने के लिए मजबूर किया है।
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कांग्रेस के चार दिग्गजों ने की सरकार की मदद
राज्यसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 पर जब वोटिंग की बारी आई तो कांग्रेस का 4 सांसद वहां मौजूद नहीं थे। एक सदस्य संजय सिंह तो सुबह ही सभापति वेंकैया नायडू को इस्तीफा देकर सरकार का हाथ मजबूत कर चुके थे। लेकिन, पार्टी की ओर से व्हिप जारी होने के बावजूद जो सांसद वोटिंग से कट लिए, वे थे पंजाब कांग्रेस के बड़े नेता प्रताप सिंह बाजवा, दिग्गज वकील विवेक तनखा, रंजीब बिस्वाल और मुकुट मिथि। जाहिर है कि इन कांग्रेसी सांसदों की गैर-हाजिरी से सरकार को परोक्ष तौर पर बहुत बड़ी मदद मिली है।
बाकी विपक्ष के 19 सांसद भी हुए लापता
तीन तलाक बिल पर वोट नहीं करने वाले 23 विपक्षी सांसदों में कांग्रेस के 4 सांसदों के अलावा, समाजवादी पार्टी के 6, बहुजन समाजवादी पार्टी के 4, एनसीपी के 2, टीडीपी के 2, पीडीपी के 2, डीएमके के 1, सीपीएम के 1 और टीएमसी के भी 1 सांसद शामिल हैं। जिन सांसदों ने वोट नहीं डाला उसमें एनसीपी चीफ शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, डीएमके सदस्य आरएस भारती, सीपीएम के झारना दास बैद्य शामिल हैं। वहीं बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा, राजाराम, वीर सिंह और अशोक सिद्दार्थ, समाजवादी पार्टी के तजीन फातमा, संजय सेठ, बेनी प्रसाद वर्मा, सुखराम यादव, चंद्रपाल यादव और सुरेंद्र सिंह नागर भी शामिल हैं। तजीन फातमा आजम खान की पत्नी हैं। वहीं पीडीपी के जिन दोनों सांसदों ने वोट नहीं डाला उनमें मीर मोहम्मद फैज और नजीर अहमद लॉए भी हैं। इनके अलावा टीडीपी के रवींद्र कुमार कनकमेडाला और तोता सीताराम लक्ष्मी एवं टीएमसी के केडी सिंह भी शामिल हैं।
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