केजरीवाल को क्यों लग रहा कि उन्हें मुस्लिम नहीं मिला
23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि आख़िरी घंटों में दिल्ली के मुसलमान मतदाता कांग्रेस की तरफ़ शिफ़्ट हो गए.
23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि आख़िरी घंटों में दिल्ली के मुसलमान मतदाता कांग्रेस की तरफ़ शिफ़्ट हो गए.
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की सभी सात सीटों पर आम आदमी पार्टी जीत रही थी लेकिन अंतिम समय में मुस्लिम वोट कांग्रेस के साथ चले गए.
केजरीवाल के इस बयान पर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पूर्व आम आदमी पार्टी सदस्य कुमार विश्वास ने प्रतिक्रियाएं दी हैं.
इंडियन एक्सप्रेस को दिए अपने इंटरव्यू में केजरीवाल ने कहा, "देखते हैं क्या होता है. दरअसल, चुनाव के 48 घंटे पहले तक लग रहा था सातों सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिलेगी. अंतिम पलों में पूरा मुस्लिम वोट कांग्रेस की तरफ़ चला गया. मतदान से ठीक पहले की रात ऐसा हुआ. हम यह पता लगा रहे हैं कि हुआ क्या है. पूरा का पूरा मुस्लिम वोट कांग्रेस में शिफ़्ट हो गया. ये दिल्ली में 12-13 फ़ीसदी हैं."
पंजाब के राजपुरा में अपने चुनावी अभियान के दौरान केजरीवाल ने यह बयान दिया. आम आदमी पार्टी पंजाब की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. यहां 19 मई (रविवार को) को मत डाले जाएंगे.
शीला दीक्षित ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "मुझे नहीं पता कि वो क्या कहने की कोशिश कर रहे हैं. लोगों के पास अपनी पसंद की पार्टी को वोट करने का अधिकार है. दिल्ली के लोग न तो अरविंद केजरीवाल के शासन के मॉडल को समझते हैं और न ही पसंद करते हैं."
कई जानकारों का कहना है कि दिल्ली के मुसलमान अरविंद केजरीवाल की मुख्यमंत्री की भूमिका से नाराज़ नहीं हैं लेकिन वो केंद्र में बीजेपी के विकल्प के तौर कांग्रेस को देख रहे हैं. ऐसे में संभव है कि मुसलमानों ने आम आदमी पार्टी के बदले कांग्रेस को वोट किया हो.
आप-कांग्रेस के बीच गठबंधन की कोशिशें रही थीं नाकाम
आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में कांग्रेस से चुनाव पूर्व गठबंधन की कोशिश की थी. लेकिन दोनों के बीच गठबंधन नहीं हो सका.
इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस ही गठबंधन नहीं चाहती है. बीबीसी से बातचीत में तब शीला दीक्षित ने कहा था, "गठबंधन से हमें क्या लाभ मिलना था. हो सकता है इससे उन्हें लाभ हो रहा हो."
अरविंद केजरीवाल के इस बयान पर उनके पूर्व सहयोगी कुमार विश्वास ने कई ट्वीट किए हैं.
पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, "यानी इस बार EVM की जगह 'मुस्लिम'?"
दरअसल, आम आदमी पार्टी चुनाव नतीजों के बाद ईवीएम का मुद्दा उठाती रही है. पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने विधानसभा में बताया था कि कैसे ईवीएम हैक की जाती है.
दूसरे ट्वीट में विश्वास ने लिखा, "99 वीं गाली के बाद के शिशुपाल."
इसके बाद कुमार विश्वास ने लिखा, "हिंदु-मुसलमान नहीं इंसान शिफ़्ट कर गए हैं."
एक और ट्वीट में विश्वास ने कहा कि ये 'बताना' नहीं, इस बार भी बस 'बनाना' चाहते थे! पर अब कोई इनसे 'बनना' नहीं चाह रहा.
उधर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज से जब केजरीवाल के मुसलमानों के वोट शिफ़्ट होने वाले बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "रोड शो के में जो भीड़ आ रही थी उससे लग रहा था कि मुसलमान हमलोग के साथ हैं. हमने शिक्षा, स्वास्थ्य में काम किया है जिससे उनको सीधा फ़ायदा पहुंचा है.''
सौरभ ने कहा, ''मगर वोट वाले दिन थोड़ा बदलाव देखा गया. इस समुदाय के अंदर वोट में बँटवारा देखा गया और इसका एक हिस्सा कांग्रेस को जाता हुआ दिखा. ऐसी हमारी समझ है. इससे फ़ायदा बीजेपी को मिल सकता है क्योंकि दिल्ली के अंदर कांग्रेस का बाकी वोट बैंक वो बहुत कम रह गया है. अगर इस वोट को जोड़ें भी तो वो जीत से बहुत दूर रहेंगे. इसलिए हमें दुख है कि इसका फ़ायदा बीजेपी को मिल जाएगा."
शीला दीक्षित के 'केजरीवाल के शासन के मॉडल' वाले बयान पर सौरभ ने कहा, "यह चुनाव आम आदमी की सरकार को लेकर नहीं है. विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. शीला जी नई दिल्ली से फिर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहें."
लोकसभा चुनाव 2019 में देश की राजधानी दिल्ली की सभी सात सीटों (नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तर पूर्वी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौक) पर 12 मई को मत डाले जा चुके हैं. यहां पर आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुक़ाबला बताया जा रहा है.