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WHO ने दी चेतावनी, कोरोना और बढ़ा तो हर 16 सेकेंड में पैदा होगा एक मरा बच्‍चा

WHO की बड़ी चेतावनी कोरोना और बढ़ा तो हर 16 सेकेंड में पैदा होगा एक मरा बच्‍चा

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नई दिल्‍ली। कोरोना महामारी को लेकर एक ओर जहां एक्‍सपर्ट दावा कर रहे हैं कि जाड़े में कोरोना का प्रकोप और बढ़ेगा वहीं दूसरी ओर कोरोनाकाल में महिलाओं और गर्भस्‍थ शिशु को लेकर दुनिया के दो बड़े संगठन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (Unicef) ने बड़ी चेतावनी दी हैं। डब्लूएचओ और यनिसेफ और उनके कई सहयोगी संगठनों ने दावा कि इस महामारी में महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्‍चों की जान को खतरा बढ़ रहा है।

 महामारी का प्रकोप बढ़ा तो हर 16 सेकेंड में एक मृत बच्चा पैदा होगा

महामारी का प्रकोप बढ़ा तो हर 16 सेकेंड में एक मृत बच्चा पैदा होगा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें दावा किया है कि अगर अब इससे भी ज्यादा कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ा तो हर 16 सेकेंड में एक मृत बच्चा पैदा होगा और हर साल 20 लाख से भी ज्यादा 'स्टिलबर्थ' के केस सामने आएंगे। डब्लूएचओ की इस रिपोर्ट के अनुसार इनमें से ज्यादातर मामले विकासशील देशों से संबंधित होंगे। इसका मतलब है कि विकाससील देशों में महिलाओं और उनके पेट में पल रहे गर्भस्‍थ शिशु को खतरा अधिक हैं।

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 प्रत्येक वर्ष करीब 20 लाख शिशु मृत पैदा हो रहे

प्रत्येक वर्ष करीब 20 लाख शिशु मृत पैदा हो रहे

WHO ने ये रिपोर्ट गुरुवार को जारी की जिसमें बताया गया है कि प्रत्येक वर्ष करीब 20 लाख शिशु मृत पैदा (स्टिलबर्थ) होते हैं और इनमें से अधिकांश के विकाससील देशों में पाए गए। मालूम हो कि गर्भाधान के 28 हफ्ते या उसके बाद मृत शिशु के पैदा होने अथवा प्रसव के दौरान शिशु की मौत हो जाने को ‘स्टिलबर्थ' कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि पिछले वर्ष उप-सहारा अफ्रीका अथवा दक्षिण एशिया में चार जन्म में से तीन ‘स्टिलबर्थ' थे।

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डब्लूएचओ ने सुझाया ये उपाय

डब्लूएचओ ने सुझाया ये उपाय

युनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक समूह ने एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा कि कुछ 84 प्रतिशत स्टिलबर्थ, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होते हैं, जिसका प्रमुख कारण दाई और खराब गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल की कमी के परिणामस्वरूप होती हैं। डब्लूएचओ ने सलाह दी है कि अगर महिलाएं ट्रेन्‍ड हेल्‍थ वर्कर की मदद से सुरक्षित डिलीवरी करवाए कराए तो ऐसे केस को काफी हद तक रोका जा सकता है। उप-सहारा अफ्रीका और मध्य एशिया में ‘स्टिलबर्थ' के करीब आधे मामले प्रसव के दौरान के हैं वहीं यूरोप, उत्तर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इसके छह प्रतिशत मामले हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक विकासित देशों में जातीय अल्पसंख्यकों में ‘स्टिलबर्थ' के केस अधिक हैं। जैसे कनाडा में इन्यूइट समुदाय की महिलाओं में पूरे देश के मुकाबले ‘स्टिलबर्थ' के मामले तीन गुना ज्यादा हैं।

कई देशों में शिशु कोविड 19 से पीड़ित होंगे

कई देशों में शिशु कोविड 19 से पीड़ित होंगे


संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की कार्यकारी निदेशक हैनरिटा फोर ने कहा, 'प्रत्येक 16 सेकेंड में कहीं कोई मां ‘स्टिलबर्थ' की पीड़ा झेलेगी। उन्होंने कहा की बेहतर निगरानी, प्रसव पूर्व अच्छी देखभाल और सुरक्षित प्रसव के लिए पेशेवर चिकित्सक की सहायता से ऐसे मामलों को रोका जा सकता है। डेटा और एनालिटिक्स के लिए यूनिसेफ के सहयोगी निदेशक मार्क हेरवर्ड ने बताया कि कई देशों में शिशु कोविड 19 से पीड़ित होंगे, भले ही उनकी मां कोरोना से संक्रमित न हुई हो। उन्‍होंने कहा कि वैश्विक मंदी के कारण लोग बेरोजगार हुए हैं और गरीबी बढ़ी है ऐसे में डिलीवरी संबंधी सुविधाओं पर और ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है।

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English summary
WHO warning - every 16 seconds a dead child will be born if the corona rises
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