क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कैसे बार-बार जवानों के सिर काट कर जेनेवा संधि को तोड़ रहा है पाकिस्‍तान

माछिल की घटनाओं के साथ पाकिस्‍तान ने एक बार फिर साबित किया कि कानूनों को तोड़ना है उसकी आदत। वर्ष 1999 में कारगिल वॉर के दौरान कैप्‍टन सौरभ कालिया और पांच जवानों की हत्‍या के बाद से अब तक जारी है का

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। मंगलवार को एक बार फिर माछिल में वही हुआ जो नहीं होना चाहिए था। पाकिस्‍तान के आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हुए। एक जवान के शव के साथ पाकिस्‍तान ने बर्बरता की और उसे क्षत-विक्षत कर दिया। पाकिस्‍तान जिसके लिए कानूनों को तोड़ना कोई नई बात नहीं है, उसने एक बार फिर से एक कानून को तोड़ा है।

geneva-convention-pakistan

पढ़ें-पुंछ और माछिल आर्मी के लिए सिरदर्द, आतंकियों के लिए वरदानपढ़ें-पुंछ और माछिल आर्मी के लिए सिरदर्द, आतंकियों के लिए वरदान

क्‍या कहती है जेनेवा संधि

तीसरी जेनेवा संधि की धारा चार को अगर आप जानेंगे तो इस बात को भी समझ जाएंगे कि कैसे पाकिस्‍तान रोजाना अतंराष्‍ट्रीय कानूनों को भी तोड़ने का एक्‍सपर्ट बन चुका है। एक नजर डालिए इस संधि की तीन अहम बातों पर-

  • सन 1949 से लागू हुई संधि का मकसद किसी भी देश के उस सैनिक की रक्षा करना है जिसे दुश्‍मन देश की सेना ने पकड़ लिया हो।
  • इस संधि के मुताबिक किसी भी देश की सेना के सैनिक युद्ध से अलग अगर पकड़ा गया है तो उसके साथ मानवीय बर्ताव किया जाएगा।
  • जैसे ही किसी देश के सैनिक, चाहे वह स्‍त्री हो या पुरुष, उसे पकड़ा जाता है, संधि उसी समय लागू हो जाती है।
  • इस संधि का एक नियम किसी भी सैनिक को दी गई प्रताड़ना को पूरी तरह से गैर-कानूनी करार देता है।
  • सैनिक के पकड़ते समय उसकी जाति, उसका रंग, धर्म, जन्‍म या पैसा और इस तरह की बातों को नजरअंदाज किया जाएगा।
  • संधि में साफ कहा गया है कि अगर जरूरत पड़ी तो कैदी सिर्फ अपना नाम, जन्‍मतिथि, रैंक और सर्विस नंबर को ही बताएगा।

पढ़ें-माछिल में शहीद के पिता ने कहा पाक से लिया जाए बदलापढ़ें-माछिल में शहीद के पिता ने कहा पाक से लिया जाए बदला

कैप्‍टन कालिया के साथ सिपाही अर्जुनराम बासवाना, मुला राम बिदीसार, नरेश सिंह सिनसिनवार, भंवर लाल बगारिया और भीखा राम मूढ़ के शव बरामद हुए थे। इनके साथ पाक ने जो किया उसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

इनके कानों को गर्म लोहे की रॉड से दागा गया था। आंखें निकाल ली गई थीं और इनके गुप्‍तांगों को काटा गया था। इनकी ऑटोप्‍सी रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि इन्‍हें सिगरेट से जलाया गया था।

इनकी उंगलियों को भी काटा गया था, दांत तोड़ दिए गए थे, सिर पर फ्रैक्‍चर था और यहां तक कि इनकी नाक और होंठ भी काट दिए गए थे।

पढ़ें-कैसे माछिल में पाक सेना की वजह से हुआ जवान का सिर कलमपढ़ें-कैसे माछिल में पाक सेना की वजह से हुआ जवान का सिर कलम

जनवरी 2013 और फिर 2016

जनवरी 2013 में तो पाक आतंकी जवान हेमराज का सिर काट कर ही ले गए थे। फिर इसी वर्ष अक्‍टूबर माह में 17 सिख रेंजीमेंट के सिपाही मनदीप सिंह के साथ भी ऐसा ही कुछ किया था।

विशेषज्ञ कहते हैं कि पाकिस्‍तान अब अतंराष्‍ट्रीय कानूनों को तोड़ने में माहिर बन चुका है। रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड कैप्‍टन अनिल गौड़ के मुताबिक किसी भी सैनिक के शव को क्षत-विक्षत करना बहुत ही निंदनीय बात है।

पढ़ें-जरूरत 3.5 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट्स की और मिलीं सिर्फ 5,000पढ़ें-जरूरत 3.5 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट्स की और मिलीं सिर्फ 5,000

इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि पाकिस्‍तान किस मंशा का देश है। उन्‍होंने कहा कि जेनेवा संधि में इस बात का जिक्र है कि आप एक सैनिक के साथ किस तरह का बर्ताव करेंगे।

पाक की हरकतें साफ करती हैं कि उसे अतंराष्‍ट्रीय संधियों का कानूनों का भी कोई सम्‍मान नहीं है। कैप्‍टन गौड़ मानते हैं कि माछिल की घटना के बाद दुनिया को पाकिस्‍तान और उसकी हरकतों पर ध्‍यान देना चाहिए।

Comments
English summary
Third Geneva convention's article 4 clearly makes it illegal to torture prisoners or military personnel.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X