शिवसेना-जेडीयू के बाद एक और सहयोगी दल ने दिखाए तेवर, BJP से की दो बड़ी मांग
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना के अलग होने के ऐलान के बाद एनडीए के कुनबे को एकजुट करने में लगे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने अब एक और सहयोगी दल ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।
नई दिल्ली। बिहार में भाजपा और जेडीयू के बीच लोकसभा की सीटों को लेकर चल रही खींचतान का असर दूसरे राज्यों में भी नजर आने लगा है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना के अलग होने के ऐलान के बाद एनडीए के कुनबे को एकजुट करने में लगे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने अब एक और सहयोगी दल ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। एनडीए के घटक दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भाजपा के सामने दो बड़ी मांग रखी हैं।
एक एमएलसी की सीट और मंत्री पद की मांग
रामदास अठावले ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हम भाजपा से मांग करते हैं कि महाराष्ट्र सरकार में एक मंत्री पद और एक एमएलसी की सीट रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की दी जाए। हम हमेशा भाजपा के साथ खड़े हुए हैं। 2019 में शिवसेना के अलग चुनाव लड़ने के ऐलान के बावजूद आरपीआई भाजपा के साथ खड़ी हुई।' अठावले ने कहा कि बहुत जल्द वो अपनी मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने भी रखेंगे।
महाराष्ट्र में नहीं है आरपीआई का कोई विधायक
आपको बता दें कि आगामी 16 जुलाई को महाराष्ट्र में एमएलसी के अगले चरण के चुनाव हैं। मंत्री बनने के लिए विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य होना अनिवार्य है। फिलहाल आरपीआई का महाराष्ट्र में एक भी विधायक नहीं है। ऐसे में रामदास अठावले चाहते हैं कि भाजपा एमएलसी की एक सीट उन्हें देकर महाराष्ट्र सरकार में आरपीआई की एंट्री कराए। इस मामले पर अभी तक भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अमित शाह के सामने एनडीए की चुनौती
गौरतलब है कि इस समय भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए एनडीए के सहयोगी दलों को जोड़े रखना एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। लंबे समय से भाजपा की सहयोगी रही शिवसेना पहले ही ऐलान कर चुकी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वह अकेले ही उतरेगी। पिछले दिनों अमित शाह ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से इस संबंध में मुलाकात भी की थी। वहीं, बिहार में भी सीटों के बंटवारे को लेकर जेडीयू और भाजपा में घमासान मचा हुआ है।
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