दुल्हन का वर्जिनिटी टेस्ट कराने वालों को मिलेगी सजा, महाराष्ट्र सरकार बना रही ये कानून
नई दिल्ली। अब किसी महिला को वर्जिनिटी टेस्ट (Virginity Test) के लिए बाध्य करना परेशानियों का सबब बन सकता है और इसके लिए जेल भी हो सकती है। महाराष्ट सरकार ने कहा है कि किसी महिला को वर्जिनिटी टेस्ट के लिए बाध्य करना अब जल्द ही दंडनीय अपराध की श्रेणी में आ जाएगा। दरअसल, राज्य के कुछ समुदायों में परंपरा के मुताबिक, नव-विवाहिता महिलाओं को वर्जिनिटी (कौमार्य) टेस्ट कराना होता है। गृह राज्यमंत्री रंजीत पाटिल ने इस मुद्दे पर कंजरभाट समुदाय के कुछ युवकों से मुलाकात की जिन्होंने वर्जिनिटी टेस्ट के खिलाफ ऑनलाइन मुहिम छेड़ रखी है।
वर्जिनिटी टेस्ट माना जाएगा अपराध- महाराष्ट सरकार के मंत्री का बयान
उन्होंने युवकों को आश्वस्त किया कि अगर कोई महिला इस प्रकार की शिकायत लेकर आती है तो राज्य सरकार पुलिस को निर्देश दिया जाएगा कि इस मामले में यौन उत्पीड़न का केस दर्ज किया जाए। पाटिल ने कहा कि उनका विभाग यौन हमले के मामलों की हर दो महीने पर समीक्षा करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि अदालतों में ऐसे मामले कम लंबित रहें। उन्होंने कहा कि विधि एवं न्याय विभाग से सुझाव लेने के बाद एक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, जिसमें इसे दंडनीय अपराध घोषित किया जाएगा।
सरकार ने बयान यौन हमला
जबकि गोढ़े ने बताया कि वर्जनिटी टेस्ट नव-विवाहित महिला का एक प्रकार से यौन शोषण है। अगर इस मामले में महिला शिकायत दर्ज कराने को तैयार है, इसे यौन उत्पीड़न का मामला मानते हुए जांच एजेंसियों को सौंपा जाएगा। महिला क्राइम ब्रांच या पुलिस में भी इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी। मंत्री ने इस मामले में अधिसूचना जारी करने का आश्वासन दिया है।
महाराष्ट्र में कुछ समुदायों में नव-विवाहिता महिला को वर्जिनिटी टेस्ट के लिए किया जाता है बाध्य
महाराष्ट्र सरकार का ये फैसला पुणे में एक कंजरभाट समुदाय के युवकों द्वारा व्हाट्सएप पर चलाए जा रहे मुहिम के बाद आया है। वर्जिनिटी टेस्ट सदियों पुरानी प्रथा है जिसके तहत नव-विवाहित महिला का वर्जिनिटी टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट के बाद उस समाज के प्रतिनिधि उक्त महिला को पवित्र या अपवित्र घोषित करते हैं।