CAA हिंसा: DGP ओपी सिंह ने कहा- PFI के 25 सदस्यों के खिलाफ हमारे पास पक्के सबूत
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शन में पुलिस अभी भी गिरफ्तारियां कर रही है। साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी को यूपी पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की पुष्टी की है। उन्होंने कहा कि हमारे पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि पीएफआई के सदस्य दिसंबर मध्य में हुई हिंसा में लिप्त थे। यही कारण है कि हमने उनके 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण के मामले पर कहा कि, मामले की जांच के लिए एडीजी मेरठ को निर्देश दे दिए गए हैं, एसएसपी वैभव कृष्ण से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। ओपी सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए मेरठ एडीजी को 15 दिनों का समय दिया गया है इसके अलावा एससपी वैभव कृष्ण से पूछा जाएगा कि उन्होंने गोपनीय दस्तावेज वायरल क्यों किए। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं और मेरठ रेंज के आईजी आलोक सिंह से जांच रिपोर्ट मांगी है।
UP DGP OP Singh: Popular Front of India(PFI) was actively involved in this(recent violence), that is why we have arrested 25 of their members. We have ample proof against them. pic.twitter.com/Zx8Kku9pH0
— ANI UP (@ANINewsUP) January 3, 2020
ये
है
मामला
सोशल
मीडिया
पर
तीन
आपत्तिजनक
वीडियो
वायरल
हो
रहे
हैं,
वायरल
वीडियो
में
नोएडा
एसएसपी
वैभव
कृष्ण
के
होने
की
बात
कही
जा
रही
है।
हालांकि
सेक्टर-27
स्थित
कैंप
ऑफिस
में
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
कर
एसएसपी
वैभव
कृष्ण
ने
बुधवार
को
अपना
पक्ष
रखा।
उन्होंने
कहा,
'भ्रष्टाचार
के
खिलाफ
करीब
एक
महीने
पहले
शासन
को
एक
रिपोर्ट
भेजी
गई
थी।
उस
रिपोर्ट
में
जनपद
में
रहे
उच्च
अधिकारियों,
कथित
पत्रकारों
और
अन्य
लोगों
के
नाम
हैं।