Union Budget 2018: नौकरीपेशा लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 40,000 रुपये की छूट
अरुण जेटली के इस फैसले से मिडिल क्लास को थोड़ी राहत और थोड़ा गम एक साथ होगा क्योंकि टैक्स दरों में कोई छूट नहीं मिली लेकिन टैक्स लगने की शुरुआत का दायरा ढाई लाख से 2.90 लाख कर देने से फायदा हो गया है
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आम बजट में इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। मतलब साफ है कि मिडिल क्लास के लोग जिस राहत की उम्मीद कर रहे थे वो उनको नहीं मिल पाएगा। मिडिल क्लास के लोगों को टैक्स में कोई छूट नहीं मिलेगी। अरुण जेटली ने बुधवार को आम बजट में नौकरी-पेशा वालों के लिए इनकम टैक्स स्लैब यानी आयकर लिमिट में कोई छूट नहीं दी लेकिन स्टैंडर्ड डिडक्शन 40 हजार का ऐलान करके टैक्स लगने की आय 2.50 लाख से बढ़ाकर 2.90 लाख कर दी। इस तरह से सैलरी वालों को अब 2.50 लाख से ज्यादा कमाई पर लग रहा टैक्स 2.90 लाख की कमाई से शुरू होगा।
40 हजार का ये स्टैंडर्ड डिडक्शन ट्रेवल और मेडिकल खर्च के मद में मिलेगा
2019 के चुनावों से पहले नरेंद्र मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयकर दरों यानी इनकम टैक्स स्लैब में कोई चेंज नहीं किया है लेकिन स्टैंडर्ड डिडक्शन को फिर से शुरू करते हुए उसे 40 हजार कर दिया है। सैलरी वालों के लिए इसका सीधा मतलब ये है कि अब तक अगर 2.50 लाख रुपए से ऊपर सालाना कमाई पर टैक्स शुरू हो जाता था वो अब 2.90 लाख से शुरू होगा। 40 हजार का ये स्टैंडर्ड डिडक्शन ट्रेवल और मेडिकल खर्च के मद में मिलेगा। सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है।
मिडिल क्लास को थोड़ी राहत और थोड़ा गम
अरुण जेटली के इस फैसले से मिडिल क्लास को थोड़ी राहत और थोड़ा गम एक साथ होगा क्योंकि टैक्स दरों में कोई छूट नहीं मिली लेकिन टैक्स लगने की शुरुआत का दायरा ढाई लाख से 2.90 लाख कर देने से फायदा हो गया है। एक तरफ तो सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन शुरू की है तो उधर सेस के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया है।
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12.5 फीसदी बढ़ा
आयकर छूट की सीमा को मौजूदा 2.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए करने की अपेक्षा सभी को थी लेकिन सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12.5 फीसदी बढ़ा (90 हजार करोड़) और टैक्स चुकाने वालों की तादाद 19.25 लाख बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा 5.95 लाख रुपये है जो जीडीपी का 3.5 परसेंट हैं. वित्त मंत्री ने 250 करोड़ रुपये तक की कंपनियों को 25 फीसदी तक की छूट दी है।