Farmers Protest पर UN मानवाधिकार का ट्वीट, कहा- अधिकारी और प्रदर्शनकारी बरतें संयम
Farmers Protest: पिछले 73 दिनों से दिल्ली से लगती सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक नए कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। पहले गणतंत्र दिवस पर किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली, उस दौरान लाल किले समेत दिल्ली के कई इलाकों में जमकर हिंसा हुई। इसके बाद अब आज किसानों ने चक्का जाम का ऐलान किया है। इस बीच शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ने भी किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया। साथ ही सभी से संयम बरतने की अपील की।
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि हम भारत के सभी अधिकारियों और प्रदर्शकारियों से अपील करते हैं कि वो किसान आंदोलन के दौरान ज्यादा से ज्यादा संयम बरतें। अभिव्यक्ति की आजादी को शांतिपूर्वक ऑफलाइन या ऑनलाइन तरीके से संरक्षित किया जाना चाहिए। सभी लोगों के लिए इस मामले का उचित समाधान खोजना जरूरी है।
दिल्ली
में
हुई
थी
जमकर
हिंसा
आपको
बता
दें
कि
किसानों
ने
दिल्ली
पुलिस
से
गणतंत्र
ट्रैक्टर
परेड
निकालने
की
इजाजत
मांगी
थी।
कई
दौर
की
बैठकों
के
बाद
पुलिस
ने
तय
रूट
पर
परेड
की
इजाजत
दे
दी।
इस
दौरान
बड़ी
संख्या
में
उपद्रवी
ट्रैक्टर्स
के
साथ
लाल
किले
पहुंच
गए
और
वहां
पर
जमकर
हिंसा
की।
साथ
ही
लाल
किले
पर
निशान
साहिब
लहरा
दिया।
इस
हिंसा
में
एक
शख्स
की
मौत
हुई
थी,
जबकि
400
से
ज्यादा
पुलिसकर्मी
घायल
हुए
थे।
अंतरराष्ट्रीय
स्तर
पर
उठा
मुद्दा
गणतंत्र
दिवस
पर
हुई
हिंसा
के
बाद
किसान
आंदोलन
ने
अंतरराष्ट्रीय
स्तर
पर
भी
काफी
सुर्खियां
बटोरीं।
सबसे
पहले
पॉपस्टार
रिहाना
ने
किसान
आंदोलन
से
जुड़े
एक
न्यूज
लिंक
को
शेयर
किया
और
पूछा
कि
हम
इस
पर
बात
क्यों
नहीं
कर
रहे।
इसके
बाद
पर्यावरण
कार्यकर्ता
ग्रेटा
थनबर्ग
ने
भी
किसानों
के
समर्थन
का
ऐलान
किया।
हालांकि
बाद
में
भारतीय
विदेश
मंत्रालय
ने
विदेशी
हस्तियों
को
आंतरिक
मामले
में
दखल
नहीं
देने
की
सलाह
दी
थी।