विजय माल्या को झटका, यूके की अदालत का प्रत्यर्पण आदेश पर रोक से इनकार
नई दिल्ली। विजय माल्या की अपने भारत प्रत्यर्पण के आदेश पर रोक की मांग को लेकर दायर की गई अर्जी को यूके की अदालत ने खारिज कर दिया है। यूके हाईकोर्ट ने माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने ब्रिटेन सरकार के उसके भारत प्रत्यर्पण के आदेश पर रोक की मांग की थी। माल्या के पास अब अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ यूके के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प है। 63 साल के विजय माल्या पर धोखाधड़ी की साजिश रचने और धनशोधन के आरोपों के चलते ब्रिटिश गृह कार्यालय ने उनके भारत प्रत्यर्पण के आदेश दिए हैं।
भारत के बैंकों का 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में वांछित कारोबारी विजय माल्या लंदन में रह रहा है। इस साल फरवरी में विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश ब्रिटेन सरकार ने दिए थे। ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावीद ने माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया, जिसके बाद विजय माल्या ने ब्रिटेन के हाई कोर्ट में आवेदन कर ब्रिटेन के गृहमंत्री द्वारा दिए गए प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील की थी।
लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 10 दिसंबर 2018 को कहा था कि 63 साल के कारोबारी माल्या को भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देने होंगे। प्रत्यर्पण संधि की प्रक्रियाओं के तहत चीफ मजिस्ट्रेट का फैसला गृह मंत्री जावीद को भेजा गया था। जावीद के कार्यालय ने फरवरी मे सारे मामलों पर विचार करने के बाद माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर दस्तखत कर दिए थे। गृह कार्यालय की ओर से बताया गया था कि सभी प्रासंगिक मामलों पर विचार करने के बाद तीन फरवरी को मंत्री ने विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर दस्तखत कर दिए।
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