11वीं क्लास की छात्रा को कहा, 'हाय सेक्सी-हेलो सेक्सी' और हो गई जेल
कोर्ट ने दोनों दोषियों को सजा सुनाते हुए कहा, 'यह स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि जानबूझकर पीड़ित छात्रा का चरित्र हनन करने के लिए ही हाय सेक्सी, हेलो सेक्सी शब्द कहे गए।'
नई दिल्ली। दो युवकों को एक 11वीं क्लास की छात्रा को 'सेक्सी' कहना भारी पड़ गया। दोनों लड़के छात्रा को आते-जाते 'हाय सेक्सी-हेलो सेक्सी' कहकर परेशान करते थे। कोर्ट ने इसे पीड़ित छात्रा का चरित्र हनन मानते हुए दोनों दोषियों को 2-2 साल जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों दोषियों को सजा सुनाते हुए कहा, 'यह स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि जानबूझकर पीड़ित छात्रा का चरित्र हनन करने के लिए ही हाय सेक्सी, हेलो सेक्सी शब्द कहे गए।'
कोर्ट ने माना चरित्र हनन का दोषी
मामला महाराष्ट्र के यवतमाल का है, जहां एक स्थानीय अदालत ने पीड़ित छात्रा के हक में फैसला सुनाते हुए सजा का ऐलान किया। कोर्ट ने इस मामले में दोनों आरोपियों को आईपीसी की धारा 509 (एक महिला का चरित्र हनन करने के लिए गंदे इशारे या शब्द बोलने संबंधी अधिनियम) के तहत दोषी मानते हुए 2 साल की सजा के अलावा 1-1 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
छात्रा को अकेली देख की शर्मनाक हरकत
सरकारी वकील ने बताया कि यह मामला मार्च 2015 का है। 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली पीड़ित छात्रा एक दिन बाजार से कुछ सामान लेकर घर लौट रही थी। रात को 8 बजे के आस-पास जब वो एक सामुदायिक भवन के पास से गुजर रही थी तो सड़क किनारे खड़े दो युवकों ने यह शर्मनाक हरकत की। दोनों लड़कों ने छात्रा को अकेली देखकर उसे 'हाय सेक्सी, हेलो सेक्सी' कहकर बुलाया।
हाथों से किए गंदे इशारे
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ित छात्रा ने बताया कि शुरुआत में उसने उन लड़कों पर ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़ गई। इसके बाद दोनों लड़के पीड़ित छात्रा का नाम लेकर इसी तरह 'हाय सेक्सी, हेलो सेक्सी' कहकर उसका पीछा करने लगे। इसके अलावा दोनों लड़कों ने छात्रा को देखकर हाथों से गंदे-गंदे इशारे भी किए।
2 साल बाद मिला छात्रा को इंसाफ
पीड़ित छात्रा ने बताया कि वह भागी-भागी अपने घर आई और अपनी मां को रोते हुए सारी बात बताई। इसके बाद अगले दिन परिजनों ने दोनों लड़कों अविनाश भावेकर (24) और रवि भावेकर (22) के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट में 2 साल की लंबी सुनवाई के बाद दोनों दोषियों को सजा मिली। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए कड़े उपायों की आवश्यकता है।
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