India-China tension: लद्दाख में अब टकराव कोई भी मोड़ ले सकता है, भारतीय अधिकारियों की चेतावनी
नई दिल्ली। भारत और चीन के विदेश मंत्री की रूस की राजधानी मॉस्को में मीटिंग से अलग भारत सरकार के सूत्रों की तरफ से आगाह किया गया है कि लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव कभी भी कोई भी मोड़ ले सकता है। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स ने सरकारी आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। भारतीय सेना की तरफ से इनफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स (आईसीवी) और टैंक्स को पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर पर तैनात कर दिया गया है। सेना ने यह फैसला पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की तरफ से जवानों की तैनाती बढ़ाए जाने के बाद लिया है।
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चीन के 6,000 सैनिक तैनात
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि आशंकाए युद्ध से कम हैं लेकिन 'टकराव किसी भी समय कोई भी मोड़' सकता है। पीएलए ने अपनी टैंक स्क्वाड्रन्स, इनफेंट्री के अलावा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हजारों सैनिकों का तैनात कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि भारत की सेना इस समय आक्रामक है और चीन ने भारतीय जवानों को डराने के लिए इतने बड़े स्तर पर तैनाती की है। 29 अगस्त को पीएलए ने कई चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की थी। सेना की तरफ से उसकी इस कोशिश को असफल किया गया है। पीएलए की तरफ से इलाके में 5,000 से लेकर 6,000 तक सैनिक तैनात हैं।
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एयरक्राफ्ट तक एयर डिफेंस तक तैनात
अधिकारियों का कहना है कि सेना किसी भी स्थिति से निबटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अखबार ने एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि पीएलए ने 20 से 30 टैंक्स, और हजारों सैनिकों की तैनाती स्पांग्गुर इलाके में कर दी है। अधिकारियों की मानें तो यह कुछ नहीं सिर्फ चीन डराने की कोशिशें कर रहा है। लेकिन चिंता इस बात की है कि कहीं कोई मिलिट्री उपकरण ऐसा न हो जो छिपा हो और नजर आ रहा हो। चीन ने पूर्वी लद्दाख में 50,000 जवानों के साथ ही 150 एयरक्राफ्ट, टैंक्स, हैवी आर्टिलरी, मिसाइल और एयर डिफेंस तक तैनात कर दिया है। भारत की तरफ से भी चीन को इसी तरह का जवाब देते ही ऐसे ही उपकरणों की तैनाती की गई है।
चीन युद्ध नहीं चाहता
इंडियन आर्मी ने ऐसी चोटियों पर नियंत्रण कर लिया है जहां से वह फिंगर 4 पीएलए की तैनाती पर नजर रख सकते हैं। अधिकारियों ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर चीन युद्ध शुरू करना चाहता है तो फिर इसकी कीमत अदा करनी पड़ेगी। अधिकारियों की मानें तो युद्ध अचानक नहीं शुरू होता है। उसके पहले कई ऐसी घटनाएं होती हैं जो इसकी वजह बन जाती हैं, एक-दूसरे के लिए शब्दों का प्रयोग जिससे भड़काया जा सके, फायरिंग, टकराव के साथ ही कई तरह के छोटे संघर्ष भी युद्ध के पहले होते हैं। अधिकारियों की मानें तो चीन युद्ध नहीं चाहता है और यह बात पिछले हफ्ते उस समय साफ हो गई थी जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगे के साथ मुलाकात की थी। लेकिन यह भी समझ पाना मुश्किल है कि चीन क्या चाहता है। भारत हर स्थिति के लिए तैयार है।
पैंगोंग के दक्षिण में भारत का कब्जा
इंडियन आर्मी ने पैंगोंग के दक्षिणी हिस्से पर नियंत्रण किया हुआ है और रेजांग ला से लेकर रेकिन पास तक जवान तैनात हैं। चीन अब लगातार यहां पर घुसपैठ की कोशिशों में लगा हुआ है। भारत की सेना ने कंटीले तारों के साथ उन स्थितियों को चिन्हित किया हुआ है जिस पर अब उसका नियंत्रण है। चीनी जवानों की तरफ से घुसपैठ की कोशिशों के तहत सेना के पास प्रतिक्रिया देने का भी अधिकार है और वह बिना हिचके उसी तरह से जवाब देती है। पीएलए ने इस समय फिंगर 4 और 8 तक कब्जा किया हुआ है। फिंगर 4 और 8 के बीच की दूरी करीब आठ किलोमीटर है। भारत फिंगर 8 तक एलएसी का दावा करता है लेकिन चीन सिर्फ फिंगर 4 तक ही भारत की सीमा मानता है।