वोटर आईडी को आधार से जोड़ने वाला 'चुनाव कानून संशोधन विधेयक' लोकसभा से पारित
वोटर आईडी को आधार जोड़ने वाला 'चुनाव कानून संशोधन विधेयक' लोकसभा से पारित
नई दिल्ली, 20 दिसंबर: 'द इलेक्शन लॉ (अमेंडमेंट) बिल 2021' (चुनाव कानून संशोधन विधेयक, 2021) को आज (20 दिसंबर) लोकसभा ने पारित कर दिया है। इस बिल में आधार कार्ड को को वोटर कार्ड से लिंक करने का प्रस्ताव है। साथ ही ये विधेयक 2021 मतदाता सूची डेटा को आधार से जोड़ने की अनुमति देता है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक को लोकसभा में पेश किया। विधेयक के मसौदे को लेकर विपक्षी दलों ने कई गंभीर सवाल खड़े किए और सदन में काफी हंगामा भी हुआ। विपक्षी दलों के विरोध के बीच बिल को लोकसभा से मंजूरी मिल गई। अब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
विपक्षी दलों ने किया विरोध
लोकसभा में चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक, 2021 का मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत विपक्ष की ज्यादातर पार्टियों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस ने विधेयक को संसद की स्थायी समिति को भेजने की मांग भी की। केंद्रीय मंत्री ने रिजिजू ने विपक्ष के विरोध को खारिज करते हुए कहा कि आधार और वोटर कार्ड को लिंक करने से फर्जी वोटर्स पर लगाम लगेगी।
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थरूर ने भी उठाए सवाल
इस विधेयक को लेकर कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने लोकसभा में कहा, आधार केवल निवास का प्रमाण होना है, यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है। अगर आप मतदाताओं से आधार मांग रहे हैं, तो आपको केवल एक दस्तावेज मिल रहा है जो नागरिकता नहीं बल्कि उसका निवास बताता है। ऐसा करके आप संभावित रूप से गैर-नागरिकों को वोट दे रहे हैं।
क्या है विधेयक में
'चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021' के मसौदे में कहा गया है कि मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। इसमें मतदाता सूची को भी आधार से जोड़ने का प्रस्ताव है। बिल में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में पत्नी शब्द को पति/पत्नी शब्द से बदलने का भी प्रस्ताव है, जिससे कानून लिंग तटस्थ हो जाता है।
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