बारामूला: सेना ने मार गिराए 2 आतंकी, 1 जवान शहीद
नई दिल्ली। देश अभी उरी में हुए आतंकी हमले से उबरा नहीं था कि आतंकियों ने एक और जख्म दे दिया।
रविवार देर रात जम्मू और कश्मीर में बारामुला में 46वीं राष्ट्रीय रायफल्स और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के बेस कैंप पर आतंकियों ने हमला कर दिया जिसमें BSF की 40वीं बटालियन के जवान कॉन्सटेबल नितिन शहीद हो गए साथ ही उनके साथी पुलविंदर के पैर में गोली लगने के कारण उनकी हालत नाजुक है।
मुठभेड़ में सेना के भी तीन जवान घायल हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आतंकियों ने दो समूहों में 46वीं राष्ट्रीय रायफल्स के कैंप पर हमला किया। हालांकि जवानों की मुस्तैदी के चलते आतंकी बेस कैंप में घुस नहीं पाए।
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दो आतंकी मार गिराए गए
इस आतंकी हमले में सेना, बीएसएफ और जम्मू और कश्मीर पुलिस की स्पेशल फोर्स की संयुक्त कार्रवाई में दो आतंकियों को मार गिराया गया है।
सेना के कैंप पर हमला रविवार (2 अक्टूबर) की देर रात साढ़े 10 बजे हुआ।
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इस दौरान आतंकी कैंप में घुसने की कोशिश कर रहे थे और वो मुख्य द्वार से पहले लगी बैरिकेटिंग को पार भी कर गए थे लेकिन वो दूसरे गेट पर पहुंचते इससे पहले उन्हें वहां तैनात जवान ने देख लिया और तुरंत ग्रेनेड फेंका।
इसके जवाब में आतंकियों ने भी ताबड़तोड़ फायरिंग की और ग्रेनेड फेंके।
यहां घिर गए आतंकी
राष्ट्रीय रायफल्स के कैंप में घुसने में असफल रहे आतंकी बीएसएफ की कैंप के आगे बढ़ने लगे जो राष्ट्रीय रायफल्स के साथ ही अटैच है, वहां वो घिर गए।
राष्ट्रीय रायफल्स और बीएसएफ के कैंप के पास एक स्टेडियम है। जब आतंकी सफल नहीं हो पाए तो वो वहां जाकर छिप गए और वहीं से रुक-रुक कर गोलाबारी करने लगे।
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हमले के तुरंत बाद बीएसएफ डीजी केके शर्मा ने इसकी सूचना गृहमंत्री राजनाथ सिंह को दी गई।
साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, भारतीय सेना के प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग और बीएसएफ डीजी केके शर्मा ने पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखी और दिल्ली से लगातार निर्देश जाते रहे।
रात साढे़ 10 से चल रही गोलाबारी करीब 12.30 पर बंद हुई जिसके बाद सेना ने दो आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की।
साथ ही यह भी कहा कि हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। इसके बाद सेना ने पूरे इलाके को घेरा और तलाशी अभियान शुरू कर दिया लेकिन ज्यादा रात होने के कारण तलाशी अभियान को स्थगित कर दिया गया जो सोमवार सुबह फिर शुरू की गई थी जिसे अब खत्म कर दिया गया है।
रात करीब 2 बजे सूत्रों ने बताया कि बचे हुए 2 आतंकी एक कमरे में छिपे हैं जिन्हें सेना ने घेर लिया है। हालांकि समाचार लिखे जाने तक सेना की ओर से इसके संबंध में किसी कार्रवाई की सूचना नहीं थी।
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हमला
गौरतलब है कि भारत की ओर से पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया हुआ था और गृह मंत्रालय ने भी सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर सुरक्षा के उपयुक्त प्रबंध सुनिश्चित कराने की बात कही थी।
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इस हमले के बाद जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने ट्वीट किया कि ' बारामूला से उनके साथियों ने फोन पर सूचना दी कि उनके इलाके के आस पास भारी फायरिंग हो रही है। उस क्षेत्र के सभी लोगों के लिए प्रार्थना।'
देर रात राज्य सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी अपने ट्वीटर पर लिखा है कि 'हमारे जाबांज हमें बारामूला में बचा रहे हैं। आतंकियों को घेरे में रखिए। भागने के सारे रास्ते बंद है। हमारी ताकत आपके साथ है। जय हिंद।'
समाचार लिखे जाने तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है कि कुल कितने आतंकी थे और वो किधर से आए थे।
सूत्रों की मानें तो आतंकी रात के अंधेरे का फायदा उठाने की फिराक में थे। वो हमला करने के बाद पास में ही झेलम नदी के रास्ते भागना चाहते थे लेकिन सेना ने उन्हें दबोच लिया।