सर्जिकल स्ट्राइक में जिन आतंकी कैंपों को बनाया गया था निशाना, वहां आतंकी सक्रिय
इंडियन आर्मी ने कहा उरी आतंकी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक में तबाह हुए कैंप्स फिर से पीओके में सक्रिय। इंडियन आर्मी के मेजर जनरल ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में कही है यह बात।
श्रीनगर। सितंबर 2018 को जब जम्मू कश्मीर के उरी में आर्मी के बेस कैंप पर आतंकी हमला हुआ तो भारत की ओर से एक सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया। इस सर्जिकल स्ट्राइक में पाकिस्तान के आतंकियों के कई कैंप्स को इंडियन आर्मी ने पीओके में तबाह कर दिया था। लेकिन अब फिर से ये कैंप्स सक्रिय हो चुके हैं।
सर्दियों के बाद फिर से बढ़ी गतिविधियां
इस क्षेत्र में आर्मी के सबसे सीनियर कमांडर एलओसी पर मौजूदा गतिविधियों से जुड़ी रिपोर्ट को रिव्यू कर रहे हैं। अब जबकि बर्फ पिघलने लगी है पाकिस्तान की सेना आतंकियों को भारत में घुसपैठ के लिए प्रोत्साहित करने को तैयार हो चुकी है। एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में मेजर जनरल आरपी कलिता ने कहा है कि पीआके में फिर से आतंकी कैंप्स फिर से सक्रिय हो गए हैं। 25 सितंबर को इंडियन आर्मी के सैनिकों ने पीओके में दाखिल होकर सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए आतंकी कैंपों को निशाना बनाया था। मेजर जनरल कलिता ने इस इंटरव्यू में कहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ऐसे इंटेलीजेंस इनपुट्स कुछ समय के लिए मिले थे जिनमें कहा गया था कि आतंकवादी वापस चले गए हैं लेकिन सर्दियों के समय में फिर से लॉन्च पैड्स के सक्रिय होने की खबरें मिली हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस इलाके के सभी क्षेत्र जिन्हें उरी आतंकी हमले के बाद निशाना बनाया गया था वहां पर फिर से गतिविधियां संचालित होने लगी हैं।
आतंकियों के हथियार और टेक्नोलॉजी को लेकर चिंता
मेजर जनरल कलिता बारामूला में आर्मी की 19वीं कमांड के मुखिया हैं। जिस डिविजन की अगुवाई वह करते हैं उस पर उरी सेक्टर के तहत 100 किलोमीटर तक एलओसी की सुरक्षा का जिम्मा है। उन्होंने बताया है कि उनके क्षेत्र में करीब नौ या 10 लॉन्च पैड्स हैं और आर्मी भी इस सच से वाकिफ है। उन्होंने बताया कि ढांचा एक झोपड़ी या फिर कोई अस्थायी ढांचा हो सकता है जिस पर कुछ समय के लिए कब्जा कर लिया गया है। यहां से वह घुयपैठ से पहले अंतिम बार को-ऑर्डिनेट करते हैं। इंडियन आर्मी ने जिस समय सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में ऐलान किया था उस समय कहा था कि पाकिस्तानी आतंकी पीओके में भारत के बड़े मेट्रो शहर पर हमलों की योजना तैयार कर रहे थे। जबसे उरी आतंकी हमला हुआ है तब से ही आर्मी को सीमा पार आतंकवादियों की नई रणनीति, हथियार और नई टेक्नोलॉजी के प्रयोग को लेकर चिंता है।