हिंसा के दौरान ताहिर हुसैन को बचाए जाने के दावे पर दिल्ली पुलिस ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या के आरोपी और आम आदमी पार्टी से निलंबित नेता ताहिर हुसैन ने दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है जिसपर बुधवार को सुनवाई होनी है। वहीं, हिंसा के दौरान अधिकारी द्वारा ताहिर हुसैन को रेस्क्यू करने के दावे पर दिल्ली पुलिस ने अपनी सफाई दी है। पुलिस ने कहा है कि ताहिर हुसैन की अभी भी तलाश की जा रही है।
ताहिर हुसैन पर दिल्ली पुलिस की सफाई
दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि हुसैन को पुलिस ने रेस्क्यू किया था, लेकिन ये तथ्य गलत है। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी की रात हमें सूचना मिली थी कि ताहिर हुसैन अपने घर में फंसे हुए हैं और लोगों ने उनके घर में घेर रखा है, तब पुलिस की टीम ने जांच की तो पता चला कि ये सूचना गलत है और ताहिर अपने घर में है।
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ताहिर हुसैन अभी भी फरार- दिल्ली पुलिस
चांदबाग इलाके से आईबी अफसर का शव बरामद होने के बाद अंकित शर्मा के घरवालों ने ताहिर हुसैन को उनकी हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। पुलिस ने ताहिर हुसैन पर हत्या और हिंसा को भड़काने के आरोप के तहत केस दर्ज किया है। इसके पहले, एसीपी अजीत सिंगला ने कहा था कि 24-25 फरवरी की रात रेस्क्यू किया गया था। लेकिन अब दिल्ली पुलिस ने इसपर सफाई दी है कि ताहिर हुसैन को रेस्क्यू नहीं किया गया था। इसके पहले अंकित शर्मा का शव मिलने के बाद सामने आए वीडियो में ताहिर हुसैन को पथराव करती भीड़ के साथ होने का दावा किया गया था।
हत्या के आरोप पर दी थी ताहिर हुसैन ने सफाई
इसपर ताहिर हुसैन ने वीडियो जारी करते हुए कहा था, 'एक भीड़ ऑफिस का गेट तोड़कर छतपर चढ़ आई थी, जिसके लिए मैंने लगातार पुलिस से मदद मांगी। कई घंटों के बाद पुलिस वहां पहुंची, इसके बाद जाकर सब काबू हुआ। उस वक्त पुलिस अधिकारियों की निगरानी में तलाशी ली गई, सब कुछ चेक किया गया। लगातार पुलिस फोर्स की निगरानी में वह बिल्डिंग रही। लेकिन उसके बाद पता नहीं क्या हुआ कि पुलिस वहां से हट गई और दंगाइयों ने वही किया जिसका मुझे डर था।'
47 लोगों की हिंसा में मौत
ताहिर हुसैन के घर के छत पर गुलेल और भारी मात्रा में पत्थर बरामद हुए थे। आरोप है कि ताहिर हुसैन के घर की छत से जमकर पत्थरबाजी की गई थी। ताहिर के घर की छत पर पत्थरों और पेट्रोल बमों से भरी टोकरियां भी मिली थी। बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में 47 लोगों की जान चली गई, जबकि इस हिंसा में 250 से अधिक घायल हो गए। इस हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत हो गई थी।