बिना केस फाइल के कोर्ट पहुंचा वकील तो CJI ने लगाई फटकार,कहा-'बिना ब्रीफ वाला वकील ऐसा, जैसे बिना बैट के सचिन'
सुप्रीम कोर्ट में एक वकील बिना केस फाइल के ही पहुंच गया, जिस पर उसे मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने जमकर फटकार लगाई। पीठ ने वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि बिना ब्रीफ वाला वकील जैसे सचिन तेंदुलकर के बिना बल्ले के होना होता है। वकील को फटकार लगाते हुए सीजेआई ने कहा कि आप अपने गाउन और बैंड में हैं लेकिन आपके पास कोई कागज नहीं है। जबकि आपके पास हमेशा अपना संक्षिप्त फाइल या कागज होना चाहिए।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई हो रही थी। इस दौरान एक वकील ने कहा कि वह प्रतिवादी की तरफ से पेश हो रहा है। इस पर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि बताइए केस क्या है? लेकिन वकील जवाब नहीं दे सका। इस पर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली पीठ ने नाराजगी जाहिर की और पूछा कि क्या आपने केस की फाइल को पढ़ी है? आगे से ध्यान रखिए की बिना फाइलों के अदालत में पेश न हों।
मुख्य
न्यायाधीश
बोले
यह
बहुत
ही
गलत
तरीका
है
वकील
को
फटकार
लगाते
हुए
मुख्य
न्यायाधीश
ने
कहा
कि
यह
बहुत
ही
गलत
तारीका
है।
आपने
फाइल
या
पेपर
रखे
बैंड
और
गाउन
को
पहन
रखा
है।
जब
आपके
पास
फाइल
या
ब्रीफ
ही
नहीं
है
तो
आपको
केस
का
क्या
पता
होगा?
इस
दौरान
मुख्य
न्यायाधीश
ने
वकील
को
सलाह
भी
दी।
उन्होंने
कहा
कि
अदालत
में
हमेशा
तैयारी
के
साथ
आएं
और
अगर
किसी
दिन
वरिष्ठ
वकील
न
उपस्थित
हों,
तो
उसका
फायदा
उठाएं
और
केस
पर
अच्छे
से
बहस
करें।
9
नवंबर
को
चंद्रचूड़
ने
ली
थी
शपथ
न्यायमूर्ति
चंद्रचूड़
ने
औपचारिक
रूप
से
भारत
के
मुख्य
न्यायाधीश
के
रूप
में
शपथ
9
नवंबर
को
ली
थी।
पद
और
गोपनीयता
की
शपथ
उन्हें
राष्ट्रपति
मू्र्मू
ने
दिलाई
थी।
चंद्रचूड़
भारत
के
50वें
मुख्य
न्यायाधीश
हैं।
न्यायमूर्ति
चंद्रचूड़
का
कार्यकाल
दो
वर्ष
का
है।
वह
10
नवंबर
2024
को
सेवानिवृत्त
होंगे।
आपको
बता
दें
कि
उच्चतम
न्यायालय
के
न्यायाधीश
65
वर्ष
की
आयु
में
सेवानिवृत्त
होते
हैं।
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