सुप्रीम कोर्ट के जज की पीएम को नसीहत, सभी धर्मों के पर्व का सम्मान करें
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज कुरियन जोसेफ ने गुड फ्राइडे के दिन कॉन्फ्रेंस बुलाने पर आपत्ति जताई है। कुरियन ने मोदी के निमंत्रण का विरोध करते हुए कहा कि पीएम को ऐसे कार्यक्रम के आयोजन और निमंत्रण से पहले सभी धर्मों के त्योहारों का खयाल रखना चाहिए।
होली, दीवाली, ईद, गुड फ्राइडे का तो खयाल रखिये
जस्टिस कुरियन जोसफ ने चीफ जस्टिस एचएल दत्तू को एक खत लिखकर इस कॉन्फ्रेंस की टाइमिंग पर सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने लिखा कि वह उस दौरान धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए केरल में होंगे, यही नहीं जोसफ ने यहां तक कह दिया है कि ऐसे कार्यक्रम पवित्र धार्मिक त्योहारों होली, दीवाली, दशहरा और ईद पर नहीं होते। गौरतलब है कि तीन अप्रैल को गुड फ्राइडे था और पांच अप्रैल को ईस्टर है।
चीफ
जस्टिस
की
जज
को
नसीहत
जोसफ ने यह खत 18 मार्च को भेजा था, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने सख्त जवाब दिया। एचएल दत्तू ने जवाब दिया व्यक्तिगत हितों के ऊपर संस्थागत हितों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने पारिवारिक और संस्थागत प्रतिबद्धताओं में तालमेल बैठाने की भी जरूरत पर जोर दिया।
जस्टिस जोसफ ने तर्क दिया था कि पवित्र और राष्ट्रीय अवकाश के मौके पर कॉन्फ्रेंस रखकर न्यायपालिका दूसरी संवैधानिक संस्थाओं और पब्लिक बॉडीज के बीच गलत संदेश भेज रही है। जोसफ ने अपने खत में लिखा, 'ऐसी जरूरी कॉन्फ्रेंस ऐसे दिन नहीं रखी जानी चाहिए थी, जब हममें से कुछ लोगों को धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना है। इस दौरान हमें परिवार के साथ भी वक्त बिताना है।
संस्थायें
धर्म
निर्पेक्षता
से
भटक
रही
हैं
हालांकि, होली, दिवाली और ईद पर ऐसी कॉन्फ्रेंस न रखे जाने के अपने तर्क पर उन्होंने सफाई देते हुए यह भी लिखा कि उनका मकसद सांप्रदायिक बात करना कतई नहीं है। जोसफ ने लिखा कि मैं मानता हूं कि हमारी संस्था पर धर्म निरपेक्ष होकर सभी के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है, जो कि धीरे-धीरे अपने रास्ते से भटक रही है।
चीफ जस्टिस ने जोसफ के इस पत्र पर खासी नाराजगी जताते हुए 20 मार्च को दिए अपने जवाब में कहा कि दो साल बाद आयोजित हो रही इस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाए जाने से वह स्तब्ध हैं। उन्होंने अपने जवाब में लिखा कि मैं जस्टिस जोसेफ की चिंता का सम्मान करता हूं, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए कॉन्फ्रेंस किसी भी दूसरी चीज से ज्यादा जरूरी है।