Supreme Court ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ने से रोकने वाली याचिका की खारिज, दिया अहम फैसला
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में आम चुनाव में एक उम्मीदवार को एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से लड़ने से रोकने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राजनीतिक उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान दो सीटों पर चुनाव लड़ने से रोकने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक उम्मीदवार को एक से अधिक सीट पर चुनाव लड़ने की अनुमति देना एक विधायी नीति का मामला है। सीजेआई ने कहा चुनाव लड़ने वाला पहले से कहां जानता है कि दोनों सीटों पर जीत हासिल करेगा।
बता दें कि, अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में आम चुनाव में एक उम्मीदवार को एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से लड़ने से रोकने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि यह इसलिए गलत है क्योंकि जिस सीट को छोड़ा जाता है, वहां पर दोबारा चुनाव होता है और वोटर को दोबारा आना पड़ता है। यह अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है।
मामले की सुनावाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्ययी पीठ कर रही थी। मामले पर भारत के मुख्य न्यायाधीश, डी.वाई. चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, अगर कोई उम्मीदवार एक सीट से जीतने के बारे में आश्वस्त नहीं है तो वह एक और सीट से चुनाव लड़ता है तो इसमें क्या गलत है? ये राजनीतिक लोकतंत्र का हिस्सा हैं।
मामले पर पीठ ने आगे कहा कि, एक राष्ट्रीय पार्टी का नेता यह भी कह सकता है कि वह अपनी अखिल भारतीय छवि दिखाना चाहता है। इसलिए वह उस जगह से चुनाव लड़ना चाहते हैं। संसद ने इसे दो से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने से घटाकर दो कर दिया था। अब अगर संसद ऐसा महसूस करती है तो इसे घटना चाहिए, तो वह इस 1 सीट तक ही सीमित कर सकती है।
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पीठ ने कहा कि अगर संसद संशोधन करना चाहती है, तो वह कर सकती है, लेकिन इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी। पीठ ने कहा कि उम्मीदवार कई कारणों से अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं और क्या यह लोकतंत्र को आगे बढ़ाएगा यह संसद पर निर्भर है। वर्तमान में लोकसभा या विधानसभा चुनाव के दौरान, एक उम्मीदवार को जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत एक बार में दो सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति है।
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