सुब्रमण्यम स्वामी का पीएम मोदी पर तंज, किसान आंदोलन पर टिप्पणी के लिए कनाडा पीएम की निंदा करेंगे या हिन्दू पत्नी की तरह बस...
सुब्रमण्यम स्वामी का पीएम मोदी पर तंज, क्या इनके लिए भी बस हिन्दू पत्नी की तरह...
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने समर्थन किया है। ट्रूडो के किसानों को समर्थन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा तंज किया है। स्वामी ने मंगलवार को ट्वीट कर सरकार से पूछा है कि वो कनाडाई प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करेगी या लद्दाख को लेकर जैसे चीन को हिन्दू पत्नी की तरह 'वो' कहती है, इनके लिए भी वो ही कहेगी।
क्या लिखा है स्वामी ने
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा है, हमारी सरकार कनाडा के प्रधानमंत्री की ओर से किसान आंदोलन पर की गई टिप्पणी की निंदा करते हुए स्टेटमेंट कब जारी करेगी? क्या हम बयान में कनाडा के पीएम का नाम लेंगे या फिर जैसे लद्दाख में तनाव को लेकर चीन के लिए किसी हिन्दू पत्नी की तरह 'वो' का इस्तेमाल करते हैं, वहीं करेंगे।
किसान आंदोलन पर टिप्पणी करने वाले कनाडाई पीएम की टिप्पणी
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत में किसानों की ओर से किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर चिंता जताते हुए कहा है, भारत से आने वाले किसान विरोध प्रदर्शन की खबरों पर बात करूं तो वहां की स्थिति गंभीर और चिंताजनक है। शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा। कनाडा बातचीत के महत्व पर विश्वास रखते हुए मुद्दों को हल करने का समर्थन करता है। हमने भारतीय अधिकारियों के सामने अपनी चिंता व्यक्त की है।
कनाडा के पीएम भारत के बाहर से पहले नेता हैं, जिन्होंने किसानों के आंदोलन पर बयान दिया है। वहीं भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस पर कहा गया है कि उन्हें हमारे घरेलू मामलों में बोलने की जरूरत नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हमने भारत में किसानों से संबंधित कनाडाई नेताओं द्वारा कुछ भरे बयान देखे हैं। ऐसी टिप्पणियां अनुचित हैं, खासकर जब एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित होती हैं। यह मामला भारत का अंदरुनी मामला है, अच्छा हो कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कटूनीतिक संवाद को तोड़ा-मरोड़ा ना जाए।
किसान पांच महीने से कर रहे हैं आंदोलन
केंद्र सरकार तीन नए कृषि कानून लेकर आई है, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान जून से आंदोलनरत हैं। किसानों ने हाल ही में 'दिल्ली चलो' का नारा दिया है। जिसके बाद 26 नवंबर को किसान पंजाब हरियाणा से दिल्ली की ओर कूच किए। फिलहाल किसान सिंधु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत भी हो रही है लेकिन अभी कोई नतीजा नहीं निकलता दिख रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार जमीनों और मंडी सिस्टम को बड़े कारोबारियों को सौंप रही है, जो हमें बर्बाद कर देगा।