जब डीएम की गाड़ी के सामने ही सड़क पर बैठ गए मासूम बच्चे, ये है वजह
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्कूल में शिक्षक को बुलाने के लिए छात्रों को डीएम की गाड़ी के सामने सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के गहोरा गांव का है, जहां स्कूल में शिक्षकों को बुलाने के लिए छात्र कलेक्टर की गाड़ी के सामने सड़क पर बैठ गए और डीएम से मांग की है कि उन्हें पढ़ाने के लिए स्कूल में शिक्षकों को भेजा जाए। गौर करने वाली बात यह है कि सभी बच्चे डीएम की गाड़ी के सामने मूक बनकर बैठे रहे और एक घंटे तक कुछ नहीं बोला। बार-बार डीएम बच्चों से पूछते रहे कि क्या दिक्कत है लेकिन सभी बच्चे मौन बैठे रहे।
वहीं जैसे ही इस घटना के बारे में डीईओ को पता चला तो वह आनन-फानन में मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। डीईओ ने बच्चों से कई बार अपील की कि वह सहयोग करे और हमे सात दिन का समय दें, साथ ही इस बात का आश्वासन दिया कि वह उनकी समस्या का समाधान जरूर करेंगे।यही नहीं खुद डीईओ ने बच्चों से यह तक कहा कि अगर सात दिन के भीत समस्या का समाधान नहीं होता है तो वह मेरे खिलाफ प्रदर्शन कर सकते हैं। डीईओ ने कहा कि अगर स्कूल की समस्या को मैं सुधार नहीं पाया तो मैं खुद शासन को पत्र लिखकर दुंगा कि मैं इस पद के लायक नहीं हूं।
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लेकिन छात्र किसी भी तरह समझौते के मूड में नहीं थे और उन्होंने डीएम की गाड़ी के सामने ही बैठकर सड़क पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। जिसके बाद डीएम डॉक्टर मंजू शर्मा ने बच्चों से पूछा कि आखिर वह क्यों सड़क पर बैठे हैं तो बच्चे मौन रहे। जिसके बाद उन्होंने इस बाबत डीईओ से जानकारी मांगी और निर्देश दिया कि शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करें। साथ ही बीईओ, बीआरसी, सीईसी को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। यही नहीं शिक्षिका प्रियंका श्रीवास्तव और ज्योति कोरी को निलंबित कर दिया गया है।
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