विकास दुबे के एनकाउंटर पर बोले अखिलेश- 'कार नहीं पलटी है, सरकार पलटने से बचाई है'
विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार को निशाने पर लिया है...
नई दिल्ली। कानपुर शूटआउट में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी और कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मध्य प्रदेश के उज्जैन में पकड़े जाने के बाद पुलिस जब विकास दुबे को कानपुर लेकर आ रही थी तो रास्ते में एसटीएफ की एक गाड़ी पलट गई। इस दौरान विकास दुबे ने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की और जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे मारा गया। हालांकि इस एनकाउंटर को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर योगी सरकार को निशाने पर लिया है।
'कार नहीं पलटी है, सरकार पलटने से बचाई है'
अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है।' आपको बता दें कि इससे पहले गुरुवार को जब विकास दुबे पकड़ा गया था, तो अखिलेश यादव ने इसमें मिलीभगत की आशंका जताई थी। अखिलेश ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'खबर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड' का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।'
उज्जैन के महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था विकास दुबे
गौरतलब है कि विकास दुबे को गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था। विकास दुबे के पकड़े जाने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे यूपी एसटीएफ को सौंप दिया था। मामले की जानकारी देते हुए कानपुर पश्चिम के एसपी ने बताया कि पुलिस और एसटीएफ टीम विकास को लेकर लौट रही थी कि तभी कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई। इस दौरान विकास दुबे ने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसे घेरकर सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन विकास दुबे नहीं माना और पुलिस टीम पर फायर करने लगा।
एनकाउंटर में पुलिस के चार जवान घायल
कानपुर पश्चिम के एसपी के मुताबिक, 'विकास के फायर करने के बाद पुलिस ने भी आत्मरक्षा में गोली चलाई और विकास दुबे के सीने व कमर में गोली लगी। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां विकास ने दम तोड़ दिया।' इस एनकाउंटर में यूपी पुलिस के चार जवानों को भी गोली लगी है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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लगातार कस रहा था पुलिस का शिकंजा
इससे पहले विकास दुबे को मंगलवार रात को फरीदाबाद के एक होटल में देखा गया था। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही विकास दुबे फरार हो गया, लेकिन यहां से मिले सुराग के जरिए यूपी एसटीएफ ने उसका दायां हाथ माने जाने वाले अमर दुबे को हमीरपुर में एक मुठभेड़ में मार गिराया। इसके अलावा विकास दुबे के करीबी और 25 हजार के इनामी बदमाश श्यामू बाजपेई को भी पुलिस ने धर दबोचा।
संदेघ के घेरे में पुलिस के कुछ अफसर
वहीं, इस मामले में पुलिस कुछ अफसर भी संदेह के घेरे में हैं। बीते मंगलवार को ही यूपी सरकार ने एक बड़ी कार्रवाई के तहत एसटीएफ के डीआईजी अनंत देव का हटा दिया था। यह कार्रवाई उस मामले में की गई, जब शहीद डीएसपी देवेंद्र मिश्रा का एक लेटर सामने आया, जो उन्होंने डीआईजी अनंत देव को लिखा था। इस लेटर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और चौबेपुर के निलंबित थाना इंचार्ज के बीच सांठगांठ के आरोप लगाए गए थे। जिस समय डीएसपी देवेंद्र मिश्रा ने अनंत देव को ये चिट्ठी लिखी थी, उस समय वो मार्च में कानपुर के एसएसपी थे।