यूपी के बाद मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में SP-BSP का गठबंधन, यहां भी मायावती को ज्यादा सीटें
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में गठबंधन करने के बाद अब समाजवादी पार्टी और बसपा ने दो अन्य राज्यों में भी साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। बसपा-सपा गठबंधन मध्य प्रदेश और उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में भी साथ मैदान में उतरेंगे। मध्य प्रदेश की 29 में से तीन लोकसभा सीटों पर सपा चुनाव लड़ेगी, जबकि बाकी सीटों पर बसपा चुनाव लड़ेगी।
उत्तराखंड में सपा एक सीट पर, बसपा 4 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
अखिलेश यादव और मायावती के संयुक्त बयान के मुताबिक, उत्तराखंड में 5 में से एक लोकसभा सीट पौड़ी (गढ़वाल) पर सपा और बाकी 4 पर बसपा चुनाव लड़ेगी। दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के बीच सीटों का बंटवारा फाइनल हुआ था। कौन सा दल किस सीट पर चुनाव लड़ेगा, इसको लेकर सहमति बनी थी। यूपी में मायावती की पार्टी 38 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी 37 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
ये भी पढ़ें: संसदीय समिति ने ट्विटर से कहा- 10 दिन में दाखिल करें जवाब
मध्य प्रदेश में बसपा 26 और सपा तीन सीटों पर लड़ेगी चुनाव
मध्य प्रदेश में कुल 29 लोकसभा सीटें हैं जिसमें से 26 सीटों पर बसपा चुनाव लड़ेगी जबकि 3 सीटों पर समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ेगी। सपा मध्य प्रदेश की तीन सीटों बालाघाट, टीकमगढ़ और खजुराहो पर चुनाव लड़ेगी। बता दें कि बसपा और सपा ने हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने में कांग्रेस की मदद की थी। लेकिन इन दोनों दलों ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए मध्य प्रदेश में कांग्रेस से दूरी बना ली है।
यूपी के बाद अब एमपी में कांग्रेस से किया किनारा
यूपी में इन दोनों दलों ने पहले ही गठबंधन से कांग्रेस को दूर रखा था। हालांकि दोनों दलों ने अमेठी-रायबरेली की सीटों पर अपने उम्मीदवार ना उतारने का फैसला किया था। वहीं, अब मध्य प्रदेश में एक बार फिर सपा-बसपा ने कांग्रेस से दूरी कायम रखी है। गठबंधन की बात करें तो, बसपा-सपा आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के दावे कर रही हैं, तो बीजेपी का कहना है कि दोनों दलों ने डरकर साथ आने का फैसला किया है। बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा को 5 सीटों पर जीत मिली थी जबकि बसपा के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी। कांग्रेस ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी और एनडीए के खाते में 73 सीटें आई थीं। हालांकि उपचुनाव में बीजेपी को गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था।