Farmers Protest : सिंधु बार्डर पर दिल्ली पुलिस की किलेबंदी देखकर बोलीं स्वरा-'हो गया सबका साथ, सबका विकास?'
Singhu Border highway closed by cement wall iron spikes to stop protesters, see Swara Bhaskar Reactions:केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब 2 महीनों से भी ज्यादा समय से जारी किसान आंदोलन से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दिल्ली की सीमाओं पर लोहे की कीलों के साथ ही सीमेंट डालकर मजबूत बैरीकेडिंग कर दी है। सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के जवान तैनात हैं और यहां प्रदर्शनकारियों पर पैनी नजर बनाए हैं।
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बोलीं स्वरा-सबका साथ और सबका विकास हो गया?
दिल्ली पुलिस की इस हरकत पर अब फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने ट्विटर पर सवाल खड़े किए हैं, उन्होंने लिखा है कि सबका साथ और सबका विकास हो गया? , इसके बाद उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि तैय्यारी जंग की.. अपने ही देश के नागरिकों के साथ???। स्वरा का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, लोग अभिनेत्री के ट्वीट पर काफी कमेंट कर रहे हैं, कुछ लोग उनके साथ खड़े हैं तो कुछ लोग उनसे असहमत हैं।
स्वरा भास्कर का Tweet वायरल
मालूम हो कि बीते दिसंबर में स्वरा भास्कर किसान आंदोलन में भी शामिल हुई थी। उन्होंने आंदोलन की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा -'किसानों और बुजुर्गों का सिंघु सीमा पर किसानों का विरोध प्रदर्शन, धैर्य और संकल्प को देखें। A humbling day, to see the grit, resolve and determination of protesting farmers and the elderly at #SinghuBorder #FarmersProtests.
स्वरा के Tweet पर मिलीजुली प्रतिक्रिया
आपको बता दें कि 26 जनवरी को जिस तरह से दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा हुई उसके बाद प्रशासन प्रदर्शनकारियो को दिल्ली में आने से रोकने के लिए ये कदम उठाया है। हाल ही में किसानों और स्थानीय लोगों के बीच भी सिंघु बॉर्डर पर झड़प हुई थी, जिसमे कुछ पुलिसकर्मी और लोग घायल हो गए थे। प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में आरएएफ, सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं, हालांकि इनकी संख्या पहले की तुलना में कम है।
छावनी में तब्दील बार्डर
हाईवे के अलावा प्रदर्शन स्थल को जोड़ने वाली दूसरी सड़कों को भी सीमेंट के बैरिकेड से दोनों ओर बंद कर दिया गया है। वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि हमे इन बैरिकेड, दीवारों से कोई फर्क नहीं पड़ता, ये हमारे हौसलों को नहीं तोड़ सकते हैं। किसानों का कहना है कि 26 जनवरी की घटना एक षड़यंत्र थी ताकि हमारी छवि को खराब किया जा सके, लेकिन इसके बाद हमारा प्रदर्शन और भी मजबूत हो गया है।