मानवता की सेवा: सभी धर्म के मरीजों के लिए पुणे की एक मस्जिद क्वारंटीन सेंटर के लिए तैयार
नई दिल्ली- देश इस वक्त कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है। नोवल कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है और वहां भी उसके दो बड़े शहरों मुंबई और उसके बाद पुणे पर इस जानलेवा बीमारी की सबसे बड़ी मार पड़ रही है। हालांकि, फिर भी अगर दुनिया के दूसरे देशों से तुलना करें तो भारत, फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स, पुलिस, सरकार और सबसे बढ़कर जनता के संघर्ष के दम पर काफी हद तक नियंत्रित रखने में कामयाब होते दिख रहा है। इसकी बड़ी वजह है कि यहां आज भी मानवीय मूल्यों को बहुत बड़ी अहमियत हासिल है। इसका सबसे ताजा और शानदार उदाहरण पुणे में देखने को मिला है, जहां एक मस्जिद को ही पूरी तरह से क्वारंटीन सेंटर में तब्दील कर दिया गया है और वह भी सभी धर्मों के जरूरतमंदों के लिए।
मस्जिद में क्वारंटीन सेंटर तैयार
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज का किस्सा तस्वीर का एक पहलू हो सकता है, लेकिन पुणे के कैंप इलाके में स्थित एक मस्जिद तस्वीर का दूसरा और बहुत ही जबर्दस्त मानवीय पहलू बयां कर रहा है। यहां आजम कैंपस में स्थित एक शिक्षण संस्थान के अंदर मौजूद मस्जिद को फिलहाल कोविड-19 के मरीजों के लिए पूरी तरह से क्वारंटीन सेंटर में तब्दील कर दिया गया है। मस्जिद की पहली मंजिल पर स्थित 9,000 वर्ग फीट के हॉल को जिसे क्वारंटीन फैसिलिटी बनाया गया है, उसमें क्वारंटीन के मानदंडों के हिसाब से 80 बेड लगाए गए हैं। ये जानकारी महाराष्ट्र कॉस्मोपॉलिटन एंड एजुकेशन सोसाइटी के चेयरमैन पीए इनामदार ने दी। सबसे बड़ी बात ये है कि मस्जिद में इतनी जगह है कि अगर आवश्यकता पड़ी तो प्रशासन को क्वारंटीन फैसिलिटी के लिए और जगह की पेशकश की जा सकती है।
मस्जिद में मरीजों के लिए हर सुविधा का दावा
वैसे ये क्वारंटीन फैसिलिटी मस्जिद की ओर से खुद सरकार को पेशकश की गई है, लेकिन अभी सरकार को इसपर आखिरी फैसला लेना है कि वह इसे क्वारंटीन सेंटर बनाती है या नहीं। वैसे इनामदार के मुताबिक, 'हमनें प्रशासन से आवश्यक इजाजत ले ली है और पहली मंजिल क्वारंटीन फैसिलिटी के इस्तेमाल के लिए तैयार है। हमारा ट्रस्ट यहां रहने वाले मरीजों को खाना भी उपलब्ध करवाएगा।' उनके मुताबिक, 'कोविड-19 महामारी से लड़ने में हम जितना हो सकता है सरकार की मदद की कोशिश कर रहे हैं। मस्जिद में सभी तरह की सुविधाएं हैं, जैसे कि बेड, टॉयलेट, पंखे, बिजली और कोविड-19 मरीजों को रखने के लिए बाकी जरूरी चीजें। .....अगर मरीजों के लिए यहां और जगह की आवश्यकता पड़ेगी तो हम उसे प्रशासन को उपलब्ध कराएंगे।'
प्रशासन ने अभी फैसला नहीं लिया है
इस बीच पुणे के जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने कहा है कि, 'आजम कैंपस मैनेजमेंट ने जिस फैसिलिटी का ऑफर दिया है, हम उसपर विचार करेंगे। हम बड़ी जगह की तलाश में जुटे हैं और सभी जरूरी छानबीन के बाद ही कोई आखिरी फैसला लिया जाएगा।' उधर मुस्लिम को-ऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर एसएम इकबाल ने कहा है कि, 'क्वारंटीन फैसिलिटी के लिए मस्जिद देने पहल अच्छी है। हालांकि, कैंपस के यूनानी अस्पताल के पास भी पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर है, जबकि इनामदार मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल को भी मरीजों के लिए क्वारंटीन फैसिलिटी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।'
अस्पताल में क्वारंटीन सेंटर बनाए जाने पर जोर
इकबाल
ने
ये
भी
कहा
कि
प्रशासन
को
पहले
अस्पतालों
को
क्वारंटीन
फैसिलिटी
बनाने
पर
विचार
करना
चाहिए,
क्योंकि
वहां
मरीजों
के
मुताबिक
हर
तरह
की
सुविधाएं
मौजूद
हैं।
उनके
मुताबिक
इनामदार
अस्पताल
को
ट्रस्ट
चलाता
है,
इसलिए
वह
उसके
लिए
ज्यादा
योग्य
हो
सकता
है।
इस
बीच
क्वारंटीन
सेंटर
बनने
की
उम्मीद
में
मस्जिद
को
पूरी
तरह
से
सैनिटाइज
और
साफ
किया
जा
चुका
है।
सोशल
डिस्टेंसिंग
को
लागू
करते
हुए
बिस्तर
लगा
दिए
गए
हैं।
लेकिन,
क्वारंटीन
सेंटर
कहां
बनेगा
ये
फैसला
सरकार
को
करना
है।
(तस्वीरें
सौजन्य:
सोशल
मीडिया)
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