J&K से धारा 370 खत्म करने को थरूर ने आतंकवाद से जोड़ा तो रविशंकर से मिला ये जवाब
नई दिल्ली- सोमवार को लोकसभा में आर्टिकल 370 खत्म करने को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली। थरूर ने सरकार के कदम को आतंकवाद से जोड़कर कहा कि इससे कश्मीरी युवा गलत दिशा में बढ़ेंगे तो रविशंकर ने उन्हें आपातकाल के दिनों के दहशत की याद दिला दी।
आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा- थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल, 2019 पर चर्चा करते हुए कहा कि इससे वहां आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर से विशेषाधिकार छीनने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने से वहां के युवा पहले से बढ़चढ़ कर आतंकवाद को अपनाएंगे। उनके अनुसार, "आप शायद ज्यादा कश्मीरी युवाओं को आतंकवाद अपनाने की ओर प्रेरित कर रहे हैं।" उन्होंने इशारों में कहा कि जिस तरह से अमेरिका अफगानिस्तान छोड़कर जा रहा है, उससे अफगान और पाकिस्तानी आतंकियों को इस ओर बढ़ने का मौका मिलेगा। सरकार को घेरने के लिए थरूर ने नोटबंदी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने फैसले की बहुत ज्यादा तारीफ की थी, जैसा आज किया जा रहा है, लेकिन उनका आरोप था कि नोटबंदी एक बड़ी आपदा साबित हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि देश आज भी उस फैसला का खामियाजा भुगत रहा है। खासकर मोदी सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर पर जिस तरह से ऐतिहासिक फैसले का ऐलान किया, उसपर भी थरूर तंज कसने की कोशिश कर रहे थे।
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थरूर को याद दिलाई इमरजेंसी वाली कार्टून की बात
जम्मू-कश्मीर पर सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर थरूर के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को आपातकाल के दिनों की याद दिलाने की कोशिश की। उन्होंने यह साबित करने का प्रयास किया कि किस तरह से उस समय राष्ट्रपति तक को भी नहीं छोड़ा गया था। रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि 'मिस्टर शशि थरूर आपने बड़ी लगन से विधायी तानाशाही या उसी तरह की चीजों पर बात की है। ठीक है, मैं उतनी बेहतर अंग्रेजी नहीं बोल सकता, मुझे अपनी सीमा पता है। लेकिन, मुझे एक बहुत ही विख्यात कार्टून याद है, जब इमरजेंसी लगाई गई थी। माननीय राष्ट्रपति नहा रहे थे और उन्होंने कहा था कि कम से कम मुझे नहाने तो दीजिए, इस समय तो ऑर्डिनेंस लेकर मत आइए (कार्टून में), हमने वैसा कुछ भी नहीं किया है। आपने पहले इमरजेंसी लगा दी, तब कैबिनेट को बताया।'
लोकसभा से पास भी हुआ विधेयक
सरकार के लिए बड़ी राहत की बात ये रही कि कांग्रेस के जोरदार विरोध के बावजूद राज्यसभा के बाद लोकसभा से भी जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन बिल, 2019 भारी बहुमत से पास हो गया। इस विधेयक के पक्ष में 370 और विरोध में केवल 70 वोट पड़े। इसके बाद सदन में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को रद्द करने का प्रस्ताव रखा गया। इसपर वोटिंग के दौरान पक्ष में 351 वोट पड़े जबकि विरोध में 72 वोट पड़े। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के साथ ही जम्मू कश्मीर से धारा 370 अपने आप हट जाएगी।