आधार कार्ड व्यक्तिगत स्वंत्रता के हनन मामले पर 5 जजों की बेंच करेगी सुनवाई
आधार कार्ड व्यक्तिगत गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन करता है, मामले पांच जजों की बेंच करेगी सुनवाई
नई दिल्ली। आधार कार्ड के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की एक बेंच का गठन किया है, जो इस बात की सुनवाई करेगी कि क्या आधार कार्ड व्यक्तिगत गोपनीयता के अधिकार का हनन करता है। पांच जजों की यह बेंच उन तमाम याचिकाओं पर सुनवाई करेगी जो आधार कार्ड के खिलाफ दायर की गई है। इन तमाम याचिकाओ में याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि आधार कार्ड की जानकारी मूल अधिकार का हनन करती है, जो लोगों को व्यक्तिगत गोपनीयता का अधिकार देती है।
आधार कार्ड को लेकर तमाम याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आधार कार्ड के लिए ली जाने वाली जानकारी जिसमें, उंगलियों का निशान, आंखों की पुतली का स्कैन लिया जाता है, जोकि व्यक्तिगत गोपनीयता का उल्लंघन है। भारत के एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित बेंच जिसकी अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर कर रहे हैं से कहा कि इस मामले को नौ जजों की बेंच को सौंपना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की आठ जजों की बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि व्यक्तिगत गोपनीयता मूलभूत अधिकार नहीं है।
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वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट की आठ जजों के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पांच जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकती है। वहीं कोर्ट का कहना है कि पांच जजों की बेंच आधार कार्ड मामले की सुनवाई करते समय अपने फैसले को और मजबूत तरीके से देगी। कोर्ट ने कहा कि इस बात पर फैसला बाद में लिया जाएगा कि मामले की सुनवाई के लिए क्या नौ जजों की बेंच की आवश्यकता है या नहीं। इसके साथ ही कोर्ट ने इस बात से साफ कर दिया है कि पांच जजों की बेंच 18 जुलाई से इस मामले की सुनवाई शुरू करेगी और तमाम याचिकाकर्ताओं के पक्ष को सुनेगी।