1984 सिख दंगा: जेल में ही रहेंगे सज्जन कुमार, जज बोले- वजन कम होने से जमानत का क्या लिंक
नई दिल्ली। सिख विरोधी दंगा के दोषी और कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका को खारिज करते हुए मेडिकल बोर्ड का गठन करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को मेडिकल बोर्ड का गठन कर सज्जन कुमार के स्वास्थ्य की जांच करने का आदेश दिया है। बता दें, 1984 सिख दंगा मामले में कोर्ट ने सज्जन कुमार को पांच लोगों की हत्या का दोषी पाया था।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सज्जन कुमार के वकील ने कहा कि जेल में उनका वजन 8 से 9 किलो घट गया है। इस दलील पर जस्टिस एसए बोबड़े ने कहा कि, वजन कम होने का मतलब यह नहीं की उनकी सेहत खराब है या कोई बीमारी हो गई है। दरअसल, सज्जन कुमार की याचिका पर अगली सुनवाई वर्ष 2020 के जून माह में होनी थी लेकिन उनकी तरफ से खराब सेहत की दलील देते हुए कोर्ट से जल्द सुनवाई करने की अपील की गई। जिस पर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को फैसला सुनाया।
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इस
मामले
में
काट
रहे
उम्रकैद
की
सजा
1984
के
खिख
दंगों
ने
दिल्ली
कैंट
मामले
में
हाई
कोर्ट
ने
सज्जन
कुमार
को
दोषी
पाया
और
उम्रकैद
की
सजा
सुनाई
है।
उम्रकैद
की
सजा
मिलने
के
बाद
सज्जन
कुमार
ने
उच्चतम
न्यायालय
का
दरवाजा
खटखटाया
है।
दोषी
ठहराए
जाने
के
बाद
सज्जन
ने
कांग्रेस
से
इस्तीफा
दे
दिया
था
फिलहाल
वह
अभी
जेल
में
बंद
है।
सुप्रीम
कोर्ट
से
उन्होंने
अपील
की
है
कि
मामले
कि
सुनवाई
तक
उन्हें
जमानत
दी
जाए।
हाई
कोर्ट
ने
सज्जन
कुमार
को
1984
सिख
दंगा
में
दिल्ली
के
एक
सिख
समुदाय
के
पांच
लोगों
की
हत्या
और
हिंसा
के
दौरान
गुरुद्वारे
में
आग
लगाने
का
दोषी
ठहराया
था।