30 साल सेना में रहे अजमल हक को नोटिस, भारतीय नागरिकता साबित करो
गुवाहाटी। भारतीय सेना में रहकर 30 साल देश की सेवा करने वाले मोहम्मद अजमल हक को असम पुलिस की ओर से नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में उनसे पूछा भारतीय नागरिक होने सबूत मांगे गए हैं। पुलिस ने अजमल हक से कहा है कि वह साबित करें कि वह बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं बल्कि भारतीय नागरिक हैं।
जानकारी के मुताबिक, अजमल हक ने सेना में तीन दशक तक सेवाएं दीं। वह जूनियर कमीशंड ऑफिसर के पद से रिटायर हुए। इन दिनों अजमल गुवाहाटी में रहते हैं। रिटायरमेंट के बाद अजमल भी बाकी पूर्व सैनिकों की तरह अपना जीवन गुजार रहे थे, लेकिन पिछले महीने अचानक उनकी सुकून भरी जिंदगी ने यू-टर्न मार लिया। असम पुलिस ने उन्हें एक नोटिस भेजा। इसमें उनसे कहा गया है कि वे खुद के भारतीय नागरिक होने का सबूत दें।
अजमल हक को जो नोटिस भेजा गया है, उसमें जुलाई की तारीख है। इस नोटिस में उन्हें 11 सितंबर को पेश होकर नागरिकता साबित करने को कहा गया था। हालांकि हक को यह नोटिस 11 सितंबर के बाद मिला था, क्योंकि यह उनके पैतृक गांव कालाहीकश पहुंचा था, जो गुवाहाटी काफी दूर है। अब अजमल हक 13 अक्टूबर को ट्राइब्यूनल के समक्ष पेश होंगे। हक ने 1986 में टेक्निशियन के तौर पर सेना में सेवा शुरू की थी। 2012 में हक की पत्नी मुमताज बेगम को भी नोटिस जारी कर नागरिकता साबित करने के लिए कहा गया था।
जानकारी के मुताबिक, अजमल हक को मिले नोटिस में लिखा था कि जिला पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है, क्योंकि वह 25 मार्च, 1971 के बाद भारत में बिना किसी दस्तावेज के घुस आए हैं। 25, 1971 को ही पाकिस्तानी सेना ने तब पूर्वी पाकिस्तान कहे जाने वाले बांग्लादेश के लोगों के खिलाफ ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया था। इसके बाद ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के इस अत्याचार का प्रतिकार किया था। इसी युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी।