इराक में भाई की मौत की पुष्टि पर बहन ने कहा- मैं नहीं जानती कि किस पर यकीन करुं
नई दिल्ली। इराक में सभी 39 भारतीयों के मारे जाने की पुष्टि के बाद उनके परिजनों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इन्हीं 39 लोगों में से एक मजींदर सिंह की बहन गुरपिंदर कौर ने कहा है कि 'बीते 4 सालों में विदेश मंत्रालय यह कह रहा था कि वो जिन्दा है। यह नहीं जानती कि किस पर यकीन करुं। मैं उनसे बात करने का इंतजार कर रही हूं। हमें कोई जानकारी नहीं दी गई। हमने वो बयान सुना जो उन्होंने संसद में दिया।' इस पूरे घटना क्रम पर विदेश राज्य मंत्री ने जनरल वीके सिंह ने कहा कि अगल अलग नजरियों से अलग अलग खबरें आ रही थीं। ऐसे में एक कोशिश की गई कि सभी तथ्यों की जांच की जाए। इसके बाद DNA मैचिंग कराई गई। विदेश मंत्रालय यह पहले भी कह चुका है कि जब तक कोई मजबूत सबूत नहीं होगा तब तक घर वालों को मौत की सूचना नहीं दी जाएगी।
उम्मीद खत्म हो गई
मारे गए भारतीयों के अवशेषों को लाने के सवाल पर वीके सिंह ने कहा कि उम्मीद थी लेकिन धीरे-धीरे परिस्थितियों के चलेत उनके जिंदा रहने की उम्मीद खत्म हो गई। कानूनी कार्रवाई चल रही है, कम से कम 8 से 10 दिन लगेंगे। हम उनके पूरा होने की उम्मीद कर रहे हैं। इस पूरे मामले में विपक्ष के सवाल उठाने पर सिंह ने कहा कि यह विपक्ष का काम है कि वो चीजों को दूसरी दिशा में लेकर जाएं। मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा।
लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली....
दूसरी ओर जालंधर के ही निवासी एक शख्स ने बताया कि उनके भाई जो इराक में रहते थे, उन्हें जानकारी मिली कि उनका अपहरण हो गया है। इसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला। इतना ही नहीं उनका दो बार DNA टेस्ट किया गया लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। इसी तरह पंजाब निवासी दविंदर सिंह की पत्नी मनजीत कौर ने कहा कि मेरे पति साल 2011 में इराक गए थे और मेरी उनसे आखिरी बार बात 15 जून 2014 को हुई थी। हमें बताया गया है कि वो जिंदा हैं। हम सरकार से कुछ नहीं मांग रहे हैं।
39 परिवारों को धोखे में रखा?
बिहार निवासी विद्या भूषण तिवारी के चाचा पुरुषोत्तम तिवारी ने कहा कि मुझे नहीं पता क्या कहूं? साल 2014 से ही मैं सरकार याचिका कर रहा हूं कि उसे वापस लाएं और आज कहा जा रहा है कि वो जिंदा नहीं है। पंजाब के जालंधर निवासी सुरजित कुमार मेनका की पत्नी ने कहा कि मेरे पति साल 2013 में इराक गए थे और 2014 में उनका अपहरण हो गया। हम सरकार से कुछ नहीं मांग रहे हैं। मेरा एक छोटा बच्चा है और मेरे पास कोई सहयोग नहीं है। इसके साथ ही पूरे घटना क्रम में हरजीत मसीह ने कहा कि मैंने सच बताया था कि सभी 39 भारतीय मारे जा चुके हैं। सरकार ने 39 परिवारों को धोखे में रखा जिन्होंने अपने रिश्तेदारों को खो दिया था। (तस्वीर में सुरजीत सिंह की पत्नी)
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