नीतीश कुमार की पार्टी के नेता ने राम मंदिर मुद्दे पर किया 'बौद्धिक विस्फोट'
पटना। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता पवन वर्मा ने राम मंदिर पर ऐसा बना दे डाला है कि नीतीश कुमार को समझ नहीं आ रहा कि आखिर करें तो क्या करें। पवन वर्मा ने कहा कि वह हिंदू हैं और राम का भव्य मंदिर बनेगा तो उन्हें प्रसन्नता होगी। राम मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का सवाल है। राम मंदिर जबर्दस्ती नहीं, आम सहमति से बने, क्योंकि मर्यादा पुरुषोत्तम राम का आदर्श चरित्र हमें यही संदेश देता है। जो लोग इसके निर्माण का विरोध कर रहे हैं, उन्हें भी यह बात समझनी चाहिए। पवन वर्मा के बयान पर पार्टी नेता श्याम रजक ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राम एक जाति या धर्म के लिए अहम नहीं हैं। मंदिर कहां बने, यह कोर्ट को तय करना है या सभी धर्मों के बड़े मिलकर तय करेंगे। पवन वर्मा क्यों कबाब में हड्डी बन रहे हैं।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष बोले- बौद्धिक विस्फोट कर रहे हैं पवन वर्मा
दूसरी ओर पवन वर्मा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राम मंदिर पर पार्टी का स्टैंड स्पष्ट है। पवन वर्मा बौद्धिक विस्फोट कर रहे हैं। नीरज कुमार ने कहा कि हमारी पार्टी का मानना है कि दोनों पक्षों की सहमति से मामला तय हो, या फिर सुप्रीम कोर्ट की बात मानी जाए। ऐसे में पवन वर्मा आगे बढ़ कर व्यक्तिगत रूप से बयान दे रहे हैं, जिसका जदयू से किसी प्रकार का लेना-देना नहीं है।
श्याम रजक ने पूछा- पवन वर्मा के पेट में अब क्यों दर्द हो रहा है
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कहा कि पवन वर्मा भय, भूख, भ्रष्टाचार, किसानों की आत्महत्या, कुपोषण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे छोड़कर कर राम मंदिर का मुद्दा उठा रहे हैं। जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तो पवन वर्मा को क्यों दर्द हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब वे राज्यसभा के सदस्य थे, तब इस मुद्दे को उन्होंने क्यों नहीं उठाया। जब मामला कोर्ट में है तो उन्हें बोलने की क्या आवश्यकता है।
बीजेपी-जेडीयू में खींचतान के बीच पवन वर्मा का बयान जदयू की चिंता
पवन वर्मा इससे पहले भी पार्टी लाइन से हटकर बयान देते रहे हैं, लेकिन हिंदुत्व से जुड़े मामले पर पहली बार उन्होंने इस प्रकार से राय व्यक्त की है। इस समय जदयू और बीजेपी के बीच 2019 लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान चल रही है। ऐसे में पवन वर्मा का बयान वाकई जदयू के लिए चिंता की बात है, क्योंकि नीतीश कुमार भले ही इस समय एनडीए में हैं, लेकिन अपनी पार्टी के सेक्युलर फैब्रिक को हमेशा बचाकर चलते हैं।
अब संघ भी बदल रहा हिंदुत्व की परिभाषा
नीतीश कुमार की मुश्किल यह है कि राम मंदिर को लेकर इस तरह का बयान तो इन दिनों बीजेपी के नेता भी नहीं दे रहे हैं। आज तो संघ भी यह कह रहा है कि मुसलमान नहीं रहेंगे तो हिंदुत्व भी नहीं रहेगा। ऐसे में राम मंदिर के पक्ष में जदयू नेता का इस प्रकार से बयान देना पार्टी के गले की हड्डी बन गया है। पवन वर्मा यूं तो धर्मनिरपेक्षता के दायरे में ही अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में उनका राम मंदिर के पक्ष में बयान देना नए कयासों को जन्म दे रहा है।